G-20 की बैठक में भारत ने पाकिस्तान काे लताड़ा

    24-May-2023
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G-20 
 
भारत ने जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप के आयाेजन पर देश के आंतरिक मामलाें में अवांछित संलिप्तता काे लेकर मंगलवार काे पाकिस्तान काे जमकर लताड़ा.केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने तृतीय जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप के माैके पर संवाददाताओं से कहा, पाकिस्तान काैन है. जम्मू-कश्मीर हमारी जमीन है और हम यहां जाे कुछ भी कर रहे हैं , अपनी जमीन पर और लाेगाें की भलाई के लिए कर रहे हैं.एक संवाददाता के यह कहे जाने पर कि भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने श्रीनगर में चल रही जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक काे लक्षित करते हुए यूट्यूब पर बयान जारी किया है, केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया , वे (पाकिस्तान) काैन हैं और वे भारत के आंतरिक मामलाें में शामिल हाेने की बात कह रहे हैं.
 
उन्हाेंने कहा कि आजादी के बाद पिछले 75 वर्षाें से जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और इसके लिए हजाराें लाेगाें ने अपने प्राणाें की आहुति दी है.उन्हाेंने कहा, मैं पाकिस्तान से आग्रह करता हूं कि वह अपने यहां ध्यान दे और अपने लाेगाें के लिए सर्वश्रेष्ठ काम करे.उन्हें राेजगार और भाेजन मुहैया कराए, जाे आप उन्हें मुहैया कराने में सक्षम नहीं हैं.उन्हाेंने जाेर दिया कि वे (पाकिस्तान) भारत में उंगलियां क्याें उठा रहे हैं. उन्हें भारत के खिलाफ कुछ भी कहने का काेई अधिकार नहीं है. उन्हाेंने कहा कि पाकिस्तान अपने भीतर की समस्याओं से जूझ रहा है और वहां लाेग खाने और राेजगार के लिए मर रहे हैं. उनके पास न चावल है और न गैस.
 
उन्हें चाहिए कि वे अपनी समस्याओं पर ध्यान दें. उन्हाेंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लाेग खुश हैं और हम उनके लिए सब कुछ कर रहे हैं. यहां के लाेगाें काे जाे कुछ भी चाहिए, वह हमारी सरकार का कर्तव्य है कि वह उन्हें सब कुछ प्रदान करे और पाकिस्तान जाे कह रहा है, उसे काेई महत्व देने की आवश्यकता नहीं है.रेड्डी ने कहा, पाकिस्तान खत्म हाे गया है और हमें उनके बारे में साेचने की जरुरत नहीं है. हम जम्मू-कश्मीर के बारे में साेचेंगे और यहां के लाेगाें काे जाे कुछ भी चाहिए हम उन्हें प्रदान करेंगे, यह हमारा कर्तव्य है. सिन्हा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी जी ने जनता काे सशक्त बनाने वाली विकास याेजनाओं और केंद्र शासित प्रदेश के प्रभावी प्रशासन के माध्यम से आतंकवादी इकाे-सिस्टम काे अलग कर दिया, जाे सीमा पार से समर्थन के साथ पनपा था. अब यहां तक कि विदेशी निवेश भी जम्मू-कश्मीर में आ रहे हैं, लाेग बेहतर समय की ओर उत्सुकता से देख रहे हैं.