नई दिल्ली - दिल के दौरे के केस आयदिन लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को हार्ट अटैक का खतरा आम होता जा रहा है। अब एक रिसर्च में ऐसा कहा गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने से मरने की संभावना दोगुनी होती है। ये दावा हार्ट फेल्योर 2023 में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ESC) की एक वैज्ञानिक कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत किए गए निष्कर्षों के अनुसार किया जा रहा है।
स्टडी ऑथर डॉक्टर मारियाना मार्टिन्हो का कहना है कि सभी उम्र की महिलाएं जो एक मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन का अनुभव करती हैं, विशेष रूप से उनको रोग का उच्च जोखिम होता है। इन महिलाओं को नियमित रूप से हार्ट की मॉनिटरिंग की आवश्यकता होती है। जैसे रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल लेवल, मधुमेह नियंत्रण के साथ कार्डियक पुनर्वास चैक करना। क्योंकि युवा महिलाओं में धूम्रपान का स्तर बढ़ रहा है ऐसे में शारीरिक एक्टिविटी और हेल्दी लाइफस्टाइल को बढ़ावा देना होगा।
पिछले अध्ययनों में पाया गया कि एसटी-एलीवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एसटीईएमआई) से पीड़ित महिलाओं में पुरुषों की तुलना में रोगों के चांस अधिक रहते हैं। इसी अध्ययन ने महिलाओं और पुरुषों में एसटीईएमआई के बाद लघु और दीर्घकालिक परिणामों की तुलना भी की गई। इसके अलावा 2 अलग परिस्थितियां जैसे प्रीमेनोपॉजल (55 वर्ष और उससे कम) और पोस्टमेनोपॉज़ल (55 उम्र से अधिक) पर भी रिसर्च की गई, यहां दोनों में सेक्स अंतर स्पष्ट था।