पिंपरी, 24 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
शहर के नागरिकों को अपने घरों के पास कामकाज के सिलसिले में पैदल जाना आसान हो इसलिए पिंपरीचिंचव ड मनपा द्वारा हरित सेतु प्रोजेक्ट कार्यान्वित किया जायेगा. प्रथम चरण में निगड़ी-प्राधिकरण के सेक्टर नंबर 24, 25, 26, 27 व 28 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह प्रोजेक्ट विकसित किया जाएगा. फिलहाल डिजाइन का काम अंतिम चरण में है. जल्द ही इस प्रोजेक्ट का काम शुरू किया जाएगा. मनपा के तत्कालीन आयुक्त श्रवण हर्डिकर ने डॉक्टरों, इंजीनियरों, वकीलों, प्रोफेसरों, बिल्डरों, आर्किटेक्चर आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों की एक कार्यशाला आयोजित की थी. इसमें चर्चा के बाद हरित सेतु परियोजना के कार्यान्वयन के संबंध में विचारों का आदानप्रदान हुआ. अब प्रोजेक्ट के डिजाइन का काम अंतिम चरण में है. इसके अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की एक अलग टीम गठित की गई है. इस प्रोजेक्ट के तहत नर्चरिंग नेबरहुड वाकवे विकसित किया जाएगा. इसका मतलब यह है कि नागरिकों को अपने आवास से निकटतम बस स्टॉप, मेट्रो स्टेशन, स्कूल, थियेटर, मार्केट, बैंक, डाकघर, पुलिस स्टेशन, मनपा के कार्यालय आदि तक बिना किसी बाधा के पैदल जाना आसान होगा.
परियोजना के जरिए विकसित फुटपाथ पर अतिक्रमण प्रतिबंधित रहेगा. कहीं पेड़ तो कहीं गजेबो रूफ (छतें) बनाई जायेंगी. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद विद्यार्थी, वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं व बच्चे गर्मी व बरसात में फुटपाथ पर चलते समय कहीं पर छांव तो कहीं गजेबो रूफ का सहारा ले सकेंगे. अतिक्रमण प्रतिबंधित होने से नागरिक फुटपाथ पर बेरोकटोक चल सकेंगे. इससे नागरिकों को बिना वाहन के पैदल चलकर अपना मनचाहा काम करने में आसानी होगी. हरित सेतु प्रोजेक्ट को डिजाइन करने के लिए अभी मास्टर प्लान का काम चल रहा है. इस प्रोजेक्ट को निगडी-प्राधिकरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा. अगले तीन से चार महीने में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा. पूरे शहर में काम करने के लिए सड़कों का अलग से सर्वे और अध्ययन किया जा रहा है. फिलहाल पेट्रोल, डीजल व सीएनजी की कीमतों में इजाफा हुआ है.
नतीजतन, इसका खर्च आम लोगों के लिए अधिक हो रहा है. पास के परिसर के काम पैदल जाकर करना चाहने वालों को अपेक्षित सुविधाओं के अभाव में यह संभव नहीं हो पा रहा है, इसलिए लोग अब भी गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह प्रोजेक्ट पूरा होने पर लोग अपने काम के लिए आसानी से पैदल जा सकेंगे. साथ ही नागरिकों को साइकलिंग करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी. वाहनों का प्रयोग कम करने से ईंधन की बचत होगी. वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी. नागरिक आसानी से खुद को बीमारी से दूर रख सकेंगे.