गंगा धाम-कोंढवा रोड आग को लेकर बना ‌‘डेंजर जोन'

अवैध गोदामों, कंस्ट्रक्शन की वजह से बिबवेवाड़ी, कोंढवा, कात्रज व येवलेवाड़ी की स्थिति भी बदहाल

    19-Jun-2023
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पुणे, 18 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
रविवार को सुबह लगी आग ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि गंगाधाम-कोंढवा रोड पर हिलटॉप-हिलस्लोप पर बने सैकड़ों अवैध गोदाम सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं. जनप्रतिनिधियों और मनपा के अधिकारियों की मिलीभगत से 10 से 12 हेक्टेयर क्षेत्र में बने सैकड़ों गोदामों के कारण यह क्षेत्र ‌‘डेंजर जोन' बनता जा रहा है और इसके आसपास नए बने कमर्शियल और आवासीय बिल्डिंगों के कारण भविष्य में बिबवेवाड़ी, कोंढवा, कात्रज और येवलेवाड़ी इलाकों में ट्रैफिक और पानी की समस्या के साथ ही बड़ी तेजी के ‌‘बदहाल' होने के संकेत मिल रहे हैं. मार्केट यार्ड से महज एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर गंगाधाम से कोंढवा जाने वाली सड़क के दोनों ओर बड़े पैमाने पर गोदामों का निर्माण किया गया है. मनपा की विकास योजना में इस क्षेत्र को हिलटॉप-हिलस्लोप के रूप में घोषित किया गया है. इसलिए यहां पर कंस्ट्रक्शन की अनुमति नहीं है. हालांकि पिछले कुछ सालों में 10 से 12 हेक्टेयर क्षेत्र में सैकड़ों गोदाम बन गए हैं. दुर्भाग्य से यह गोदाम बनाए गए हैं, लेकिन यहां के जनप्रतिनिधियों ने इन पर आंखें मूंद रखी हैं. साथ ही मनपा प्रशासन भी आंखों पर पट्टी बांधकर काम कर रहा था. मनपा ने सिर्फ नोटिस भेजे और दिखावटी कार्रवाई करते हुए उन गोदामों पर तीन गुना प्रॉपर्टी टैक्स लगा दिया. कुछ गोदामों का यह टैक्स सीधे 50 से 70 लाख तक पहुंच गया है. अंतरिम नोटिस भेजने के बाद कुछ समय तक हड़कंप मचा. लेकिन जनप्रतिनिधियों के आशीर्वाद से अभी भी सब शांत बैठे हैं. वहीं, दूसरी ओर गंगाधाम को कात्रज-कोंढवा से जोड़ने वाली सड़क को चौड़ा करने के लिए प्रशासन व अधिकारी जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं. गंगाधाम चौक पर पीपीपी आधार पर 105 करोड़ रुपए खर्च कर फ्लाईओवर व मेट्रो के निर्माण की मंजूरी दी गई है. साथ ही घोषित झोपड़पट्टी आनंद नगर के नागरिकों के लिए एसआरए स्कीम के प्लाट के माध्यम से 205 की सड़क की योजना बनाई गई है. इसलिए यहां के नागरिकों को हटा दिया गया है.
 
 
ट्रैफिक की समस्या और गंभीर हो जाएगी
 
गंगाधाम सोसायटी के नागरिक पिछले कुछ वर्षों से पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. आने वाले वर्षों में गंगाधाम और कोंढवा के बीच हजारों बड़ी आवासीय परियोजनाएं और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बन रहे हैं. इसके लिए बिबवेवाड़ी, अपर इंदिरानगर, कात्रज, कोंढवा स्थित टंकियों से लाखों लीटर पानी की आपूर्ति करनी होगी. इसका असर उन नागरिकों पर पड़ेगा जो कई पीढ़ियों से रह रहे हैं. इस जगह पर सड़कें चौड़ी होने के बाद भी भीषण जाम लग जाता है. आने वाले समय में ट्रैफिक की समस्या और गंभीर हो जाएगी. यहां तक कि कोंढवा, येवलेवाड़ी, कात्रज, बिबवेवाड़ी और बिबवेवाड़ी-कोंढवा रोड परिसर के निवासी भी इससे प्रभावित होंगे. रविवार को हुई आग लगने की घटना के बाद यह देखने में आया है कि अवैध गोदामों, अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, गोदामों के परिसर में संकरी सड़कें, गलियों की वजह से फायर ब्रिगेड के वाहन आग लगने की जगह तक नहीं पहुंच सकते हैं. इसकारण यह इलाका तेजी से ‌‘डेंजर जोन' बनता जा रहा है.