नेपाल के एक शेरपा ने माउंट एवरेस्ट के डेथ जाेन में फंसे मलेशिया के एक पर्वताराेही की जान बचाई है. 8 हजार फीट की ऊंचाई पर शेरपा ने पर्वताराेही की जान बचाई. उसे बेस कैंप ले जाने के लिए पीठ पर बांधी और 6 घंटे तक चलते रहे. नेपाल सरकार ने इस सीजन में 478 लाेगाें काे एवरेस्ट चढ़ने के लिए मंजूरी दी है. एवरेस्ट फतह के दाैरान इस साल 12 पर्वताराेही जान गंवा चुके हैं. 2021 में 409 लाेगाें काे परमिट मिला था. इसके बाद मैंने एक साथी शेरपा नगीमा ताशी की मदद से पर्वताराेही काे स्लिपींग मैट में लपेटकर बांध दिया. इसके बाद 6 घंटे तक पीठपर लादकर और बीच-बीच में बर्फ पर घसीटकर 7,162 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप-3 तक लाया.
प्रवताराेही काे वहां से हेलीकाॅप्टर से एयरलिफ्ट करके बेस कैंप तक ले जाया गया. माउंट एवरेस्ट पर 8 हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित हिस्से काे डेथ जाेन कहा जाता है, जहां पर बचाव कार्य बेहद मुश्किल हाेता है. वहां पर वातावरण में ऑक्सीजन कम हाेती है और वहां पर ऑक्सीजन सपाेर्ट के बिना जिंदा रहना काफी मुश्किल हाेता है.नेपाल के पर्यटन विभाग के अधिकारी बिज्ञान काेईराला का कहना है कि, इतनी ऊंचाई पर किसी भी पर्वताराेही का रेस्क्यू असंभव है. यह बेहद दुर्लभ ऑपरेशन है. गेल्जा शेरपा का कहना है कि किसी की जान बचाना, मंदिर में पूजा करने से बड़ा काम ह