पुणे, 4 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
मनपा द्वारा दिए जाने वाले हॉकर्स लाइसेंस शहर में उपकिराएदारों को देने वाले 300 व्यवसायियों के लाइसेंस मनपा के अतिक्रमण विभाग ने रद्द कर दिए हैं. अतिक्रमण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लाइसेंसों की जांच का काम और तेज किया जाएगा. शहर में फेरीवालों और रेहड़ी-पटरी वालों को मनपा के अतिक्रमण विभाग द्वारा वार्षिक शुल्क के भुगतान पर हॉकर प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है. वह व्यक्ति जिसके नाम पर प्रमाण-पत्र है, या उनके परिवार का व्यक्ति अनुमति प्राप्त स्थान पर व्यवसाय करने के लिए बाध्य है. अगर यह पाया जाता है कि उसके द्वारा किराएदार को रखा गया है तो अतिक्रमण विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है. हॉकर प्रमाण-पत्र के नियमों और शर्तों का उल्लंघन किए जाने पर पहली बार 1,000 रुपये और दूसरी बार 5,000 रुपये के जुर्माने से दंडनीय है. उसके बाद भी किराएदार पाए जाने पर अंतत: हॉकर प्रमाण-पत्र रद्द कर दिया जाता है. हालांकि, रजिस्टर्ड और विदेशी फेरीवालों और सड़क व्यापारियों द्वारा लाइसेंस और दुकानों को किराए पर दिया जाता है. इस तरह प्रशासन कह रहा है कि 70 फीसदी पेशेवरों ने सर्टिफिकेट की शर्तों का उल्लंघन किया है. इस पृष्ठभूमि में अतिक्रमण विभाग ने वास्तविक पेशवरों और उनके प्रमाण-पत्रों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया है. इस अभियान में अवैध रूप से पाए गए 300 व्यवसायियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं.
उप-किरायेदार रखने वाले पथारी व्यवसायियों को इससे पहले चेतावनी दी गई है. इसलिए, अब अतिक्रमण विभाग के कर्मचारी दुकान पर जाकर प्रमाण-पत्र की स्कैनिंग कर रहे हैं. इसमें प्रमाण-पत्र धारक व्यवसायी वही है या उपकिराएदार है, इसका पता चलने पर संबंधित लाइसेंस को तुरंत रद्द कर दिया जाता है. - माधव जगताप, उपायुक्त, मनपा अतिक्रमण विभाग