मुंबई - अक्सर क्रिकेट मैच के दौरान आपने देखा होगा कि कई खिलाड़ी अपने मुंह पर सफेद क्रीम लगाए हुए दिखाई देते हैं. क्या आप जानते हैं कि चेहरे पर जो ये क्रीम लगाई जाती है, वो कौनसी क्रीम होती है और इस क्रीम के लगाए जाने का क्या कारण है. तो जानते हैं किस वजह से इसे लगाया जाता है? क्रिकेटर्स के मुंह पर जो सफेद रंग की क्रीम आप देखते हैं तो वो जिंक ऑक्साइड होती है, जिसे फिजिकल सनस्क्रीन भी कहा जा सकता है. ये चेहरे पर रिफलेक्टर का काम करती है.
क्रिकेटर्स धूप से बचने के लिए इसका सहारा लेते हैं. इससे सूर्य की सीधी पड़ने वाली किरणों से उनकी स्कीन का बचाव होता है. ये सूर्ज की यूवीए और यूवीबी किरणों से बचाव करती है. ये क्रीम स्कीन पर प्रोटेक्टिव लेयर बना लेती है, जिससे सूर्य की किरणे सीधे स्कीन पर नहीं लगती है. ये आप सन स्क्रीन से अलग होती है, क्योंकि आम तौर पर लगाई जाने वाली सनस्क्रीन कैमिकल सनस्क्रीन होती है, जो बॉडी द्वारा सोख ली जाती है. लेकिन, क्रिकेटर्स जिंक ऑक्साइड का इस्तेमाल करते हैं.
क्रिकेटर्स की ओर से लगाई जाने वाली क्रीम को बॉडी ऑब्जर्व नहीं करती है और क्रिकेटर्स जब लंबे समय तक सूरज की सीधी रोशनी में खेलते हैं तो उनकी स्कीन पर असर नहीं पड़ता है. ऐसे में रिफलेक्टिव फिजिकल सन स्क्रीन का इस्तेमाल क्रिकेटर्स करते हैं.