भोसरेी, 20 जुलाई (आ.प्र.)
पुणे-नासिक राजमार्ग पर कई स्थानों पर जलभराव के कारण लोगों को भारी पेरशानी उठानी पड़ रही है, यह स्थिति पिछले तीन सालों से हर साल बारिश में होती है, लेकिन प्रशासन इस समस्या को लेकर उदासीन है. चाकण एमआईडीसी में एक ऑटोमोबाइल कंपनी के कर्मचारी उत्तम भदाले ने बताया कि कैसे वह पुणे- नासिक राजमार्ग पर जलभराव के कारण सोमवार और मंगलवार को 2 घंटे ट्रैफिक में फंसे रहे. भदाले की तरह ही चाकण एमआईडीसी में विभिन्न कंपनियों में कार्यरत सैकड़ों श्रमिकों और अधिकारियों को जलभराव के चलते परेशानी उठानी पड़ी. उन्होंने पिछले तीन वर्षों में जलभराव की समस्या का समाधान नहीं करने के लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया है. इस विषय पर चाकण उद्योग महासंघ के सचिव दिलीप बटवाल ने कहा कि, मानसून के दौरान राजमार्ग पर जलजमाव हर साल की समस्या बन गई है, हम पिछले कुछ वर्षों से जिला प्रशासन सहित अधिकारियों से इसकी शिकायत कर रहे हैें. लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ.
ऐसा प्रतीत होता है कि, वे लोगों की दुर्दशा के बारे में चिंतित नहीं हैं. वहीं हाईवे पर जलभराव के कारण वाहनों को लंबी कतारें भी लग जाती हैं. एक निजी फर्म के एक वरिष्ठ प्रबंधक ने कहा कि, मैं काम के बाद लगभग दो घंटे तक ट्रैफिक में फंसा रहा. मुझे समझ नहीं आता कि, अधिकारी इस मुद्दे पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं? इस मुद्दे पर कोई आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं. चाकण के एक निवासी हरिदास काले ने इस मुद्दे पर कहा कि, एनएचएआई और जिला प्रशासन को विशेष रूप से मानसून से पहले हाईवे की मरम्मत और रखरखाव के काम को प्राथमिकता देनी चाहिए. चाकण एमआईडीसी क्षेत्र में ट्रैफिक की सबसे बड़ी समस्या है. अभी तक किसी भी सरकारी एजेंसी के पास इस मुद्दे का कोई ठोस जवाब नहीं है. यह समस्या के प्रति लापरवाही को दर्शाता है. चाकण उद्योग के एक कर्मचारी जनार्दन भदाले ने कहा कि, सरकार को कंपनियों से एक अच्छा रेवेन्यू टैक्स के रूप में मिलता है, लेकिन फिर भी वह चाकण एमआईडीसी क्षेत्र में बुनियादी ढांचा भी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं.
ढलानों की मरम्मत जरूरी
पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, नेशनल हाईवेस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को चाकण और इसके आसपास के गांवों के पास कई जंक्शनों पर ढलानों की मरम्मत का काम करने की जरूरत है, क्योंकि हलकी बारिश के बाद भी यहां जलभराव की सूचना मिलती है. (एनएचएआई) के अधिकारियों को निर्माण संबंधी मुद्दों का पता लगाना चाहिए और जल्द से जल्द आवश्यक मरम्मत सुनिश्चित करनी चाहिए.