मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर चट्टानें गिरीं; 20 घंटे तक बंद रहा यातायात

25 Jul 2023 13:08:24
 
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लोनावला, 24 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
काम पर जाने वाले लोग घंटों तक गाड़ियों में ही कैद रहे 
 
रविवार की रात मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर चट्टान से बड़े-बड़े पत्थर सड़क पर गिरे. इसलिए प्रशासन की ओर से सोमवार दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक मुंबई जाने वाला ट्रैफिक रोक दिया गया, जो शाम तक बंद रहा. प्रशासन द्वारा सड़क से गंदगी और मलबा हटाने का काम काफी देर तक चलता रहा. इसके चलते सोमवार सुबह साढ़े दस बजे तक मुंबई की ओर जाने वाली सड़क पर 8 से 10 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. मुंबई जाने वाला यातायात 12 घंटे से अधिक समय तक बाधित रहा. इससे यात्रियों को काफी कठिनाइयों के साथ-साथ काफी मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ा. इस बीच, बड़े और भारी वाहनों को छोड़कर हल्के वाहनों को पुराने मुंबई-पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग से खोपोली के रास्ते मुंबई की ओर मोड़ दिया गया.
 
सोमवार दोपहर को ढीली दरारें हटाने के लिए दो घंटे का ब्लॉक लिया गया और ढीली दरारें हटाने के बाद मुंबई की ओर यातायात सुचारू कर दी गयी. पिछले हफ्ते से लोनावला-खंडाला घाट इलाके में लगातार भारी बारिश हो रही है. रविवार रात करीब 10.30 बजे मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर खंडाला घाट में आडोशी टनल (सुरंग) के पास किलोमीटर संख्या 41 पर भारी भूस्खलन हुआ. इसके चलते मुंबई की ओर जाने वाला यातायात ठप हो गया है. चट्टान ढहने की जानकारी मिलते ही बोरघाट (दस्तूरी) राजमार्ग के सहायक पुलिस निरीक्षक महेश चव्हाण, उनके सहयोगी और खोपोली पुलिस अधिकारी और कर्मचारी, देवदूत आपातकालीन टीम, रास्ते विकास महामंडल के अधिकारी, आईआरबी कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी, इस स्वयंसेवी संगठन के सदस्य घटनास्थल पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया. 
 
रास्ते विकास महामंडल और आईआरबी की ओर से जेसीबी और अन्य एजेंसियों की मदद से सड़क पर चट्टान से गिरे बड़े-बड़े पत्थरों को हटाने का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया. क्या इन चट्टानों के नीचे कोई वाहन या अन्य कोई मिला है? पुलिस द्वारा इसकी भी जांच की जा रही है. इस बीच, ट्रैफिक जाम से बचने के लिए हाई-वे पुलिस की ओर से ट्रैफिक को पुराने मुंबई-पुणे नेशनल हाई-वे से डायवर्ट कर दिया गया. इस जगह पर पहले भी दो बार भूस्खलन हो चुका है. ऐसा लगता है कि मुंबई- पुणे एक्सप्रेस-वे पर दरार का संकट बरकरार है, क्योंकि रविवार को उसी स्थान पर तीसरी बार चट्टान टूटने की वजह से बड़े-बड़े पत्थर सड़क पर गिरे. मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर दो जगहों पर चट्टान दरकने से पत्थर सड़क पर गिरे. मुंबई की ओर जाने वाली लेन पूरे दिन बंद रही. मुंबई जाने वाले मार्ग पर लगे मलबे के ढेर और अन्य अवरोधों को जेसीबी और डंपरों की मदद से हटाया गया. उधर, भविष्य में इन्हें गिरने से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा कमजोर हुईं चट्टानों को गिरा दिया गया.
 
 

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मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर सोमवार को दोपहर 3 बजे मजदूरों ने काम शुरू किया. दरकने की वजह से ढीली हो चुकी चट्टानों को तोड़ने का काम देर रात तक किया गया. बारिश के कारण सड़क पर कीचड़ हो गया था. तेज रफ्तार वाहन इस कीचड़ से फिसल सकते हैं. इसके चलते सड़क का मलबा और पत्थरों को हटाए जाने तक यातायात अवरुद्ध रखा गया. रविवार को हुए भूस्खलन के बाद मुंबई की ओर जाने वाली लेन 16 से 20 घंटे के लिए बंद कर दी गई थी. पुणे की ओर आने वाली लेन पर भी वाहनों की गति धीमी थी. इस दौरान जाम में फंसे कई वाहन चालकों को सड़क पर ही झपकी आ गयी. मार्ग पर जाम हटाने के बाद दो लेन से मुंबई की ओर यातायात शुरू कर दी गयी. लेकिन पुलिस को कई वाहन चालकों को जगाना पड़ा, क्योंकि वे सो गए थे. मुंबई की ओर यातायात सुचारू होने पर रस्ते विकास महामंडल और आईआरबी के साथ-साथ हाई-वे पुलिस ने राहत की सांस ली.
 
 
अब तक एक्सप्रेस-वे पर 11 जगहों पर भूस्खलन
 

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अब तक एक्सप्रेस-वे पर 11 जगहों पर भूस्खलन हो चुका है. इसमें साल 2005, 2008 और 6 और 10 जुलाई 2019, 22 अक्टूबर 2020 को खंडाला के पहाड़ी इलाके में भूस्खलन हुआ है. इससे एक्सप्रेस-वे पर यात्रा करना असुरक्षित हो गया था. इन घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और रस्ते विकास महामंडल की ओर से एक विशेषज्ञ समिति ने खंडाला पहाड़ी क्षेत्र में एक्सप्रेस-वे पर खतरनाक स्थानों का निरीक्षण किया. खंडाला से आडोशी सुरंग क्षेत्र तक लगभग 8 किलोमीटर में खतरनाक स्थानों पर कमजोर चट्टानों को हटाने और सुरक्षात्मक जाली लगाने का काम 22 जुलाई 2016 को शुरू किया गया था.
 
इटली की कंपनी ने 1500 मीटर तक लगाया था सुरक्षा जाल
महाराष्ट्र सरकार और रस्ते विकास महामंडल ने खतरनाक चट्टानों वाले क्षेत्रों में ढीली हुई चट्टानों हटाने और सुरक्षा जाल लगाने का काम इटली की कंपनी ‌‘मेकाफेरी' को दिया था. एक साल के दौरान, स्पेनिश कंपनी के 9 विशेषज्ञों और एक भूविज्ञानी और हिमाचल प्रदेश के 7 विशेषज्ञों ने सुरक्षा जाल लगाए जाने के लिए काम किया. अब तक खंडाला से आडोशी टनल क्षेत्र तक 1500 मीटर की दूरी पर सुरक्षात्मक जाल लगाए जा चुके हैं. इसमें आडोशी टनल के पास सबसे खतरनाक क्षेत्र में 150 मीटर की दूरी पर 5 टन की क्षमता वाला रॉक पैक पैरियल का एक विशेष जाल लगाया गया था. इस बीच, आडोशी टनल पर 240 मीटर की दूरी पर आई खतरनाक चट्टान को हटा दिया गया है और वहां सुरक्षात्मक जाल लगा दिए गए हैं. विशेषज्ञ समिति की ओर से खंडाला पहाड़ी क्षेत्र में एक्सप्रेस-वे पर खतरनाक स्थानों का निरीक्षण किया गया. खंडाला से अडोशी सुरंग क्षेत्र तक लगभग आठ किलोमीटर में खतरनाक स्थानों पर ढीली दरारें हटाने और सुरक्षात्मक जाल लगाने का काम 22 जुलाई 2016 को शुरू किया गया था.
 
 
ट्रैफिक को पुराने मुंबई- पुणे हाई-वे पर डायवर्ट किया
 
रास्ते विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) और प्रशासन ने मुंबई- पुणे एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक ब्लॉक लेते हुए मुंबई की ओर जाने वाले ट्रैफिक को पुराने मुंबई- पुणे हाई-वे पर डायवर्ट कर दिया था.
 
 
 
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