पुणे, 11 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
चांदनी चौक पर फ्लाईओवर के निर्माण के श्रेय से दूर रखने पर बीजेपी में विवाद छिड़ गया है. भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा तथा पूर्व विधायक प्रा. मेधा कुलकर्णी ने सोशल मीडिया के जरिए इस पर दुःख जताया है. जब मैं विधायक थी, तब मैंने पहली बार इस चौक (चौराहे) के कामकाज की मांग की थी और इसके लिए फॉलोअप किया था. उन्होंने इन शब्दों में भड़ास निकाली कि इतना सब करने के बावजूद मुझे उद्घाटन के कार्यक्रम से दूर रखा गया. कोथरुड के ‘आधुनिक' नेताओं ने चांदनी चौक के मामले में कुछ नहीं किया है. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री और पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर मेधा कुलकर्णी के ट्विटर हमले से शहर भाजपा में खलबली मच गई है. चांदनी चौक के फ्लाईओवर का उद्घाटन शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी करेंगे. पिछले पांच साल से चांदनी चौक में बहुमंजिला फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा था. यह सर्वविदित है कि मेधा कुलकर्णी पहले ही इस फ्लाईओवर को बनाने की कोशिश कर चुकी हैं. फ्लाईओवर के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए बीजेपी ने जो पोस्टर छपवाया है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कोथरुड विधानसभा अध्यक्ष पुनीत जोशी की तस्वीर है, लेकिन इसमें कुलकर्णी को जगह नहीं दी गई है. अंततः कुलकर्णी ने इसकी आलोचना की. उन्होंने कहा, मेरी उपेक्षा की जाती रही, मुझे विश्वास में लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया और इसके बावजूद मैंने कभी सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा. मैंने अपनी घुटन जाहिर नहीं की, लेकिन अब मुझे दुःख सहा नहीं जा रहा. सोचा कि मैं तुमसे बात करूं, लेकिन कार्यक्रम के पोस्टर को देखकर असीम दुःख हुआ. चांदनी चौक के विषय का श्रेय पूरी तरह से नितिन गड़करी और देवेन्द्र फडणवीस को जाता है. लेकिन वास्तव में यह विषय उन तक किसने पहुंचाया? आदरणीय गड़करी जी ने स्वयं कुछ वर्ष पहले एक कार्यक्रम में सार्वजनिक भाषण में कहा था कि तत्कालीन विधायक मेधा कुलकर्णी के अनुरोध पर मैंने यह मुद्दा गंभीरता से लिया. कुलकर्णी ने कहा कि ऐसे कई संदर्भ दिए जा सकते हैं, जिनमें मैं कोथरूड का कोई भी नेता इसमें शामिल नहीं था. मैंने लगातार यह विषय उठाए रखा, लेकिन अब कोथरुड के वर्तमान नेता जो ऐसा व्यवहार करते हैं, मानो सारा श्रेय उन्हीं का हो. क्या वे मेरे जैसे लोगों के अस्तित्व को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं? इसी बीच आदरणीय मोदी जी, अमित शाह जी पुणे आये. कुछ निर्धारित लोगों के पास प्रोटोकॉल को छोड़कर हर जगह के पास थे. मैं एक राष्ट्रीय पद हूं, लेकिन मेरे अनुरोध के बावजूद यह मुझे नहीं दिया गया.
वे अपने स्वार्थ के लिए विघटन की राजनीति कर रहे
मेधा कुलकर्णी ने कहा कि मैं कई वर्षों से यह सब सह रही हूं. समय-समय पर वरिष्ठों के सामने मैंने जिक्र किया. देश के सामने जो चुनौतियां हैं, उसके लिए मोदी जी के हाथों को मजबूत करने के लिए काम करने के बजाय वे अपने स्वार्थ के लिए विघटन की राजनीति कर रहे हैं. मेरे जैसे निष्ठावान कार्यकर्ता को एहसास हुआ कि मैं बेकार हूं. मेरी कोई कीमत नहीं है. उनके लिए मेरे साथ ऐसा करना आसान है, क्योंकि मेरे पास न तो बाहुबल है और न ही धनबल. मैं एक सामान्य परिवार से हूं. विचारधारा को लेकर काम करती हूं. एक विचारधारा से राजनीति में आई. सभी समुदाय के लोगों का काम पूरे मन से किया. आज भी वही कर रही हूं, जो दायित्व मुझे सौंपा गया है. लेकिन इन सब पर पानी फेरा गया. अब यह असहनीय हो गया है.