गुरुदेव राकेशजी को ‌‘डॉक्टर ऑफ डिवाइनिटी' उपाधि प्रदान

धार्मिक और मानवीय कार्यों में उनके अमूल्य योगदान का किया सम्मान

    31-Aug-2023
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पुणे/न्यूजर्सी, 30 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
अमेरिका में यूनाइटेड मेथोडिस्ट चर्च द्वारा स्थापित, क्लेयरमोंट स्कूल ऑफ थियोलॉजी, (1885 से संचालित) ने अपने 130 साल के इतिहास में पहली बार किसी गैर-ईसाई धार्मिक परंपरा के संत को डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया है. इस वर्ष उन्होंने धार्मिक और मानवीय कार्यों में असाधारण योगदान के लिए श्रीमद्‌‍ राजचंद्र मिशन धरमपुर के संस्थापक गुरुदेव श्री राकेशजी को ऑनररी ‌‘डॉक्टर ऑफ डिवाइनिटी' (पीएचडी) की उपाधि से सम्मानित किया है. न्यू जर्सी में आयोजित एक कार्यक्रम में क्लेरमोंट स्कूल ऑफ थियोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जेफरी कुआन द्वारा श्री राकेशजी को इस उपाधि और इसके साथ प्राप्त होने वाले सर्व विशेषाधिकारों से सम्मानित किया गया.
 
इस अवसर पर डॉ. जेफरी कुआन ने कहा, ऑनररी डॉक्टरेट का चयन एक अत्यंत महत्वपूर्ण और जटिल प्रक्रिया है. क्लेरमोंट स्कूल ऑफ थियोलॉजी पहली बार एक गैर- ईसाई, गुरुदेव श्री राकेशजी को, एक बेहतर विश्व के निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए हमारी सराहना के प्रतीकरूप, यह ऑनररी डॉक्टर ऑफ डिविनिटी की डिग्री प्रदान करता है. इससे पहले, श्री राकेशजी को श्रीमद्‌‍ राजचंद्रजी के महान ग्रंथ ‌‘श्री आत्मसिद्धि शास्त्र' पर उनकी टिप्पणी के लिए 1998 में मुंबई यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था. आध्यात्मिक संस्थान श्रीमद्‌‍ राजचंद्र मिशन धरमपुर की स्थापना गुरुदेव श्री राकेशजी ने आध्यात्मिक संस्थान श्रीमद्‌‍ राजचंद्र मिशन धरमपुर की स्थापना की, जो दुनिया भर में अपने 202 केंद्रों, 95 युवा केंद्रों, 252 धार्मिक शिक्षा केंद्रों और 202 सेवा केंद्रों के माध्यम से कार्यरत है. उनके व्याख्यान अंग्रेजी, स्पेनिश, जर्मन, रूसी, हिंदी, फ्रेंच, मंदारिन और गुजराती में प्रसारित होते हैं. इसके साथ ही दुनिया की 11 भाषाओं में प्रकाशित उनके द्वारा लिखी आध्यात्मिक पुस्तकें वैश्विक साधकों को आधुनिक शैली में आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती हैं.