जमीन के अनिवार्य अधिग्रहण पर शीघ्र निर्णय लें

04 Aug 2023 15:09:54
 
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पुणे, 3 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
कई वर्षों से नागरिकों के तमाम प्रयासों के बावजूद मनपा प्रशासन बाणेर-पाषाण को जोड़ने वाली 36 मीटर डीपी सड़क को पूरा नहीं कर सका. इसे चुनौती देने वाली याचिका नागरिकों की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई है. नागरिकों की ओर से वकील सत्य मुले ने यह याचिका दायर की है. इस पर, मुंबई हाईकोर्ट ने मनपा आयुक्त को जमीन के अनिवार्य अधिग्रहण पर निर्णय लेने और अधूरे बाणेर-पाषाण लिंक रोड के लिए जमीन अधिग्रहण और निर्माण के लिए एक समय सीमा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. बाणेर पाषाण लिंक रोड को क्षेत्रीय विकास योजना के अनुसार मंजूरी दी गई थी. लिंक रोड 1200 मीटर लंबा और 36 मीटर चौड़ा है. वर्ष 2014 में एक किमी लंबाई की सड़क विकसित की गई.
 
लेकिन 150 मीटर और 50 मीटर के दो हिस्से भूमि अधिग्रहण के अभाव में तब से लंबित हैं. इसलिए करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद इस सड़क का उपयोग नहीं हो रहा है. बाणेर और पाषाण क्षेत्र 7 मीटर चौड़ी सड़क से जुड़ा हुआ है. इसके चौड़ीकरण की कोई गुंजाइश नहीं है. क्योंकि यहां पहले से ही विकसित निजी संपत्तियां मौजूद हैं. वकील सत्या मुले ने कोर्ट में दलील दी कि पुणे मनपा पिछले कई सालों से रिकॉर्ड टैक्स वसूल रहा है. इसलिए फंड की कोई कमी नहीं है. यदि सड़क निर्माण स्थगित किया जाता है, तो भूमि अधिग्रहण और सड़क बनाने के लिए आवश्यक राशि बढ़ जाएगी. साथ ही जमीन मालिक जनहित याचिका में मध्यस्थ के रूप में शामिल हो गए हैं और कहा है कि वे जमीन देने को तैयार हैं. लेकिन पिछले सात वर्षों से मनपा ने उनसे कोई संवाद नहीं किया है.
 
 
सड़क वर्ष 2014 से ऐसी ही पड़ी हुई है
 
मुंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ एस. डॉक्टर की अध्यक्षता वाली मुंबई हाईकोर्ट की एक पीठ ने इस तर्क का संज्ञान लिया और निवासियों को होने वाली परेशानी का संज्ञान लिया. उन्होंने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि सड़क वर्ष 2014 से ऐसी ही पड़ी हुई है. कोर्ट ने कहा कि 200 मीटर की बिना बनी सड़क को अधूरा छोड़ना जनहित में नहीं होगा, इसलिए सड़क का निर्माण हर हाल में पूरा होना चाहिए. साथ ही, यदि भूमि मालिक के साथ चर्चा और बातचीत विफल हो जाती है, तो मनपा के पास एकमात्र विकल्प प्रासंगिक कानून के तहत अनिवार्य भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करना है. इसलिए, मुंबई हाईकोर्ट की बेंच ने मनपा आयुक्त को अनिवार्य रूप से भूमि अधिग्रहण पर निर्णय लेने और अदालत के समक्ष उस समय सीमा को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है जिसमें भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के साथ-साथ सड़क के अधूरे हिस्सों का निर्माण पूरा किया जाएगा. मनपा को इस संबंध में योजना प्रस्तुत करने के लिए 20 सितंबर तक की समय सीमा दी गई है.
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