20 से 25 हजार रु. में अवैध तरीके से पुणे आती हैं बांग्लादेशी महिलाएं

काम का झांसा देकर लाते हैं दलाल और धकेलते हैं वेश्या व्यवसाय में : पिछले 10 साल में 61 बांग्लादेशी गिरफ्तार

    12-Sep-2023
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पुणे, 11 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
पुणे पुलिस ने पिछले दस वर्षों में अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर पुणे में रह रहे 61 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. हाल ही में क्राइम ब्रांच के सामाजिक सुरक्षा विभाग ने बुधवार पेठ में की गई कार्रवाई में 9 पुरुषों और 10 महिलाओं समेत 19 बांग्लादेशियों को पकड़ लिया. ऐसे में पुणे में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. संबंधित महिलाओं को दलालों द्वारा काम का लालच देकर पुणे लाया गया और बाद में वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया. ये दलाल बांग्लादेशी नागरिकों को अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बांग्लादेश से अवैध तरीकों से 20 से 25 हजार रुपये में भारत में प्रवेश दिलाते हैं.
 
इसके बाद उन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए मुंबई और पुणे जैसे शहरों में लाया जाता है. पुणे आने के बाद महिला पर वेश्या व्यवसाय करने का दबाव डाला जाता है. मना करने पर महिला को पुलिस के हवाले करने की धमकी दी जाती है. उनके वापसी के रास्ते बंद हो चुके होते हैं. आखिर उनके पास वेश्यावृत्ति के दलदल में फंसने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता. इस संबंध में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार पेठ में 100 से 120 इमारतों में देह व्यापार का धंधा चल रहा है. इसमें 5 से 6 हजार महिलाएं वेश्यावृत्ति का काम करती हैं. ये सभी महिलाएं नेपाल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से आई हैं. बांग्लादेश की महिलाओं की संख्या भी बड़ी है. ये महिलाएं बांग्लादेशी दलालों के जरिए सीमा पार करती हैं.
 
भारत आने के बाद इन महिलाओं को कोलकाता और आसपास के अलग-अलग शहरों में लॉज और होटलों में रखा जाता है. इस दौरान फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनका आधार और पैन कार्ड बनवा लिया जाता है. बांग्लादेश में दलाल ढाका, खुलना और अन्य जगहों पर गरीब परिवारों की महिलाओं को दिल्ली और मुंबई में अच्छी नौकरियों का लालच देते हैं. ये महिलाएं अशिक्षित या स्कूल छोड़ चुकी होती हैं. कोलकाता आने के बाद इन महिलाओं को दूसरे दलाल को सौंप दिया जाता है. वह दलाल इन महिलाओं को ट्रेन से पुणे या मुंबई लाता है. महिलाओं को लाने वाला दलाल भी फर्जी नाम और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करता है. साथ ही यात्रा के दौरान महिलाओं को अन्य यात्रियों से बात करने की भी मनाही होती है. बांग्लादेश से पुणे तक 20 से 25 हजार रुपये लेकर यह यात्रा की जाती है. फिर उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है.
 

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वेश्यावृत्ति में लगी महिलाओं को बहुत छोटी सी जगह में रखा जाता है. ये वेश्यालय बुधवार पेठ के पुराने बाड़े में चलाए जाते हैं. जिसमें ये महिलाएं रहती हैं, वह हर कमरा मात्र 5 बाइ 7 का ही होता है. केयरटेकर इन महिलाओं को एक बेड, दो बर्तन, एक स्टोव और कुछ खाने की चीजें मुहैया करता है. महिलाएं एक ही कमरे में खाना बनाती हैं और रहती हैं. सहेली संस्था की कार्यकारी निदेशक तेजस्विनी सेवेकरी ने कहा कि अवैध रूप से बांग्लादेश से आने वालों पर कार्रवाई होनी ही चाहिए, लेकिन यदि वे आतंकवादी नहीं हैं तो उस पर भी गौर करना चाहिए. हिंसा पर आधारित कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. सीमा पार से महिलाओं का स्थानांतरण सुरक्षा मुद्दा है. यह अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार है. इसमें दोनों देशों के दलाल शामिल हैं.
 
 
बांग्ला बोलने से उनकी पहचान जल्द नहीं हो पाती
 
भारत के पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों में बांग्ला भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं. बांग्लादेश से अवैध रूप से आए महिला-पुरुष बांग्ला भाषा बोलते हैं, इसलिए यह बात जल्द पता नहीं चलती कि वे भारतीय हैं या नहीं. इसका फायदा ये अवैध तरीके से भारत आए बांग्लादेशी नागरिक उठाते हैं.
 
 
शहर में अवैध रूप से रह रहे
 
बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ पुलिस ने विशेष अभियान चलाया है. इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है और सामाजिक सुरक्षा विभाग व अन्य टीमों द्वारा कार्रवाई की जा रही है. पुलिस ने पिछले हफ्ते बुधवार पेठ इलाके से 19 लोगों को पकड़कर कार्रवाई की है.
                                                                                                               - रामनाथ पोकले, अपर पुलिस आयुक्त (क्राइम)