क्रांतिवीर चापेकर बंधु स्मारक देश के लिए प्रेरणा का स्थान

13 Sep 2023 13:20:47
 
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चिंचवड़, 12 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
क्रांतिवीर चापेकर बंधुओं का स्मारक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों का है और देश के लिए सम्माननीय है. क्रांतिवीर चापेकर स्मारक समिति और पिंपरी- चिंचवड़ मनपा ने स्मारक का पुनर्निर्माण किया है और इसे देश के लिए प्रेरणा का स्थान बनाया है. राज्यपाल रमेश बैस ने विचार व्यक्त किया कि स्मारक के कारण नई पीढ़ी को चापेकर बंधुओं के कार्य और इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी. उन्होंने भटक्या- विमुक्त लोगों के सशक्तिकरण के लिए चापेकर स्मारक समिति के कार्यों की भी सराहना की. क्रांतिवीर चापेकर स्मारक समिति की स्वर्ण जयंती का समापन समारोह मंगलवार को राज्यपाल बैस की उपस्थिति में हुआ.
 
समिति के अध्यक्ष पद्मश्री गिरीश प्रभुणे, ट्रस्टी मिलिंद देशपांडे, कार्यवाहक एड. सतीश गोरडे, विधायक महेश लांडगे, उमा खापरे, अश्विनी जगताप, मनपा आयुक्त शेखर सिंह, सह धर्मादाय आयुक्त सुधीर कुमार बुक्के, भाजपा शहर अध्यक्ष शंकर जगताप, कोषाध्यक्ष रवि नामदे, शकुंतला बंसल आदि उपस्थित थे. राज्यपाल बैस ने चापेकर वाड़ा का दौरा किया. वाड़ा के बारे में जानकारी ली. उन्होंने पुनरुत्थान समरसता गुरुकुलम का दौरा किया. गुरुकुलम में विद्यार्थियों से स्नेहपूर्वक बातचीत की. राज्यपाल बैस ने कहा, पुनरुत्थान समरसता गुरुकुलम में पारधी समाज के 350 विद्यार्थियों की देखभाल की जा रही है. समिति शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, भटक्या- विमुक्त जाति के विकास के लिए कार्य कर रही है.
 
पारधी, वडार, कैकाड़ी, गोसावी, गोंधली, डोंबरी समेत विभिन्न जातियों के लोगों के सशक्तिकरण के लिए काम किया जा रहा है. पुनरुत्थान गुरुकुल में विद्यार्थियों को कम्प्यूटर, मूर्ति कला, कौशल आधारित शिक्षा दी जा रही है. दुनिया के विभिन्न देश कुशल मैनपावर की मांग को पूरा करने के लिए भारत की ओर उत्सुकता से देख रहे हैं. इसके लिए छात्रों को रोजगारयुक्त शिक्षा, सर्वो त्तम भाषा कौशल प्रदान किया जाना चाहिए. युवाओं को उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए. तभी युवा आत्मनिर्भर बनेंगे. राज्यपाल रमेश बैस ने यह भी कहा कि उनके परिजनों का जीवन स्तर ऊंचा उठाया जायेगा. प्रस्तावना रखते हुए गिरीश प्रभुणे ने कहा, पारधी समुदाय के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. बच्चों को चिकित्सा शिक्षा, ग्राम विकास में कौशल आधारित शिक्षा दी जाती है. कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर दिंगबर ढोकले ने किया. एड. सतीश गोरडे ने आभार व्यक्त किया.
 
 
समिति के लिए राजभवन के दरवाजे खुले
 
क्रांतिवीर चापेकर स्मारक समिति का कार्य सराहनीय है. समिति के लिए राजभवन के दरवाजे हमेशा खुले हैं. राज्यपाल बैस ने यह भी कहा कि अगर मैं समिति को कोई मदद दे सकूं तो मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी.
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