पुणे, 1 सितंबर (आ.प्र.)
पुणे-बेंगलुरु ग्रीन हाइवे (ग्रीनफील्ड कॉरिडोर) की प्रोजेक्ट रिपोर्ट का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है. इस संबंध में रिपोर्ट जल्द ही अंतिम रूप देकर केंद्र को सौंपी जाएगी. यह कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जा रहा है. देश के चुनिंदा शहरों और महानगरों को जोड़ने के लिए भारतमाला परियोजना के तहत करीब तीन हजार किलोमीटर लंबी सड़कें बनाने का प्रस्ताव है. इसमें पुणे-बेंगलुरु नेशनल हाइवे को भी शामिल किया गया है. मौजूदा पुणे-बेंगलुरु हाइवे 838 किमी लंबा है. नया हरित हाइवे 745 किमी लंबा होगा. इसलिए पुणे और बेंगलुरु महानगर करीब आ जायेंगे. इस हाइवे पर करीब 40 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह हाइवे आठ लेन का होगा, जिसकी रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा होगी. इस राजमार्ग पर तेज गति से यात्रा करना संभव है. यह बिल्कुल नया एक्सप्रेस-वे है. यह हाइवे वरवे बुद्रुक से शुरू होगा. इस हाइवे पर छह लेन प्रस्तावित हैं. समृद्धि हाइवे को ध्यान में रखते हुए यह हाइवे पूरी तरह से डामरीकृत होने जा रहा है. एनएचएआई के परियोजना निदेशक पी.डी. कदम ने बताया कि यह मार्ग पुणे, सांगली, सातारा और कोल्हापुर सहित अन्य शहरों से सीधे जाने के बजाय टोल नाकों से आस पास के गांवों तक जाने के रोड प्रस्तावित किए गए हैं.