डेयरी व्यवसाय बना किसानाें की आजीविका का जरिया

    23-Sep-2023
Total Views |
 
 
 

UK 
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में लगातार दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हाे रही है.नेशनल काेऑपरेटिव डेवलपमेंट काॅरपाेरेशन (एनसीडीसी) याेजना के तहत किसानाें काे डेयरी व्यवसाय से डेयरी विकास विभाग जाेड़ने में लगा है. जिससे डेयरी व्यवसाय किसानाें की आजीविका के उत्थार का जरिया बन रहा है.दुग्ध विकास विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक एसके शर्मा ने बताया कि नेशनल काेऑपरेटिव डेवलपमेंट काॅरपाेरेशन (एनसीडीसी) याेजना के तहत डेयरी विकास विभाग किसानाें काे मवेशी खरीदने एवं उनका व्यवसाय स्थापित करने में पूरी मदद कर रहा है. इसके अलावा समय-समय पर व्यवसाय के लिए प्रशिक्षण एवं आधुनिक तकनीक के प्रयाेग भी सिखाए जा रहे हैं.जनपद में वर्तमान में 15 हजार लीटर दुग्ध उत्पादन प्रतिदिन हाेता है जबकि करीब 10 हजार लीटर दूध बाहर से आ रहा है, ऐसे में यह स्पष्ट है कि जनपद में इस क्षेत्र में बहुत लाेग स्वराेजगार कर सकते हैं.
 
डेयरी उत्पादाें की बढ़ती मांग के चलते पारंपरिक किसानाें ने ताे तरक्की की ही है, वहीं जिले में कई नए डेयरी व्यवसाय भी स्थापित हाे रहे हैं. जिला प्रशासन एवं दुग्ध विकास विभाग के सहयाेग एवं मार्गदर्शन में रूद्रप्रयाग के तीनाें विकास खंडाें में प्रतिवर्ष नए किसान दुग्ध विकास विभाग के जरिए दुधारू पशुओं की खरीद कर अपनी आजीविका में सुधार ला रहे हैं. एनसीडीसी याेजना के अंतर्गत डेयरी विकास विभाग किसानाें काे डेयरी व्यवसाय से जाेड़ रहा है. विभाग की ओर से किसानाें काे आधुनिक तकनीक एवं उपकरणाें की जानकारी और प्रशिक्षण भी दी जा रही है.वहीं दुधारू मवेशियाें की खरीद के लिए आसानी से लाेन (ऋण) उपलब्ध कराने के साथ ही पशुओं की खरीद में पूरी मदद भी की जा रही है. साथ ही, विभाग समय-समय पर किसानाें काे डेयरी से जुड़े प्रशिक्षण भी दे रहा है.