निगलने में कठिनाई का शीघ्र निदान आवश्यक; नहीं तो बढ़ेगी परेशानी

    26-Sep-2023
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nachiket
 
 
 

निगलने में कठिनाई विभिन्न कारणों से हो सकती है. इस स्थिति का शीघ्र निदान और इसके अनुसार उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस संबंध में विस्तृत जानकारी पूना हॉस्पिटल के डॉक्टर नचिकेत दुबाले ने दी.
 
 
मरीज गले में कुछ फंसने या खाना निगलने में कठिनाई की शिकायत करते हैं. डॉक्टर होने के नाते हम इन्हें चेतावनी के संकेत मानते हैं, जो हमारे दिमाग में खतरे की घंटी बजाने लगते हैं. ताकि मरीज के लक्षणों का कारण पता लगाया जा सके. मरीज निगलते समय दर्द की शिकायत करते हैं.
भोजन को आहार नलिका से पेट तक पहुंचने में कठिनाई होती है और भोजन को नीचे धकेलने के लिए अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता होती है, या निगलने के लिए पानी की सहायता की आवश्यकता होती है, या गले में कुछ फंसने का लगातार एहसास होता है. ऐसे में उल्टी होने की संभावना होती है. ऐसी स्थिति में इन प्रश्नों पर विचार किया जाता है  - 1. तकलीफ कब शुरू हुई? कितने दिन, हफ्ते, महीने हुए? 2. क्या तकलीफ बढ़ रही है? 3. इसके अलावा, क्या सीने में जलन, उल्टी, वजन कम होना, भूख न लगना, मल का काला होना आदि भी है? 4. क्या यह समस्या ठोस पदार्थों के लिए अधिक है या ठोस और तरल दोनों के लिए? निगलने में कठिनाई के कारण 1. जीईआरडी या गैस्ट्रो इसोफेजियल रिफ्लक्स रोग : यदि भोजन नली पेट के संपर्क में आती है, तो पेट का एसिड अन्नप्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे तकलीफ हो सकती है. बार-बार ऐसे संपर्क में आने से मरीज रुक-रुक कर निगलने की शिकायत करते हैं. 2. अन्न नलिका का संक्रमण : कम प्रतिरक्षा वाले मरीज विभिन्न संक्रमणों की चपेट में आ सकते हैं. इनमें से सबसे आम कैंडिडा जैसे फंगल संक्रमण या हर्पीस वायरस संक्रमण जैसे वायरल संक्रमण हो सकते ह्‌ैं‍. 3. सौम्य अन्ननलिका कठोरता : GERD एसिड या क्षार अंतर्ग्रहण, सर्जरी के बाद जैसे विभिन्न कारणों से अन्न नलिका के व्यास के संकीर्ण होने. अन्न नलिका, इओसिनोफिल्स की घुसपैठ के कारण अन्न नलिका में सूजन आने पर रोगी द्वारा बड़ी मात्रा में बिना चबाए भोजन को प्रभावित कर सकती है, जिससे निगलने में अचानक दिक्कत होने लगती है.
4. अन्न प्रणाली की सिकुड़न घातक : आमतौर पर 40 वर्ष की आयु के बाद होती है. खतरनाक रूप से, कैंसर की वृद्धि में गला, भोजन नली और जंक्शन शामिल हो सकते हैं. आहारनलिका और पेट के कारण निगलने में कठिनाई होती है. यह लक्षण आम हैं. प्रगतिशील, हाल के सप्ताहों में शुरू हुआ और भूख में कमी और वजन घटाने से संबंधित है. रोगी को कम हीमोग्लोबिन और काले मल से संबंधित लक्षण भी हो सकते ह्‌ैं‍.
 5. निगलने में परेशानी : असामान्य आहार नली की मांसपेशी संकुचन भी निगलने में कठिनाई का कारण बन सकती है. इनमें से सबसे आम है अचलेसिया कार्डिया. इस बीमारी में, निचली आहार नली भोजन को पेट में जाने देने में काफी देर हो जाती है. मरीज को खाने के कुछ घंटों बाद मुंह और नाक से स्राव की शिकायत होती है. लक्षण महीनों से लेकर सालों तक रह सकते हैं. निगलने में परेशानी का निदान कैसे करें : इस स्थिति के लिए सबसे महत्वपूर्ण और उपयोगी परीक्षण ऊपरी जीआई एंडोस्कोपी या गैस्ट्रोस्कोपी या ओजीडी स्कोपी है. इसका मतलब यह है कि निगलने के 90% मामलों में हम रोग का निदान कर सकते हैं और बायोप्सी ले सकते हैं. संक्रमण आहार नली के कैंसर रोग Relux Esophagitis Candiवर शेष 10% मामलों में और कुछ मामलों में जहां कारण इसोफेजियल दीवार के बाहर है, इसोफैगल मांसपेशियों में दबाव को मापने के लिए इसोफेजियल मैनोमेट्री आवश्यक हो सकती है.
 हम एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड की सलाह देते हैं और बायोप्सी भी ले सकते हैं. निगलने में कठिनाई के अधिकांश मामलों का इलाज कारण के आधार पर संभव है.
ॠएठऊ को कम करने के लिए संबंधित कारण का इलाज दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से किया जाता है. संक्रामक रोगों के लिए इसके अनुसार उपचार की आवश्यकता होती है. हल्की सख्ती का इलाज गुब्बारे या बोगी का उपयोग करके एंडोस्कोपिक फैलाव या सर्जरी द्वारा किया जा सकता है.
 रोग की अवस्था के आधार पर घातक कारणों का इलाज किया जाता है. निदान जितना जल्दी होगा और चरण जितना प्रारंभिक होगा, ठीक होने की संभावना उतनी ही बेहतर होगी. इसलिए निदान में देरी न करें. अचलेसिया कार्डिया और अन्य गतिशीलता संबंधी विकारों का इलाज POEM नामक एंडोस्कोपिक प्रक्रिया से पूरी तरह से किया जा सकता है. एक मरीज को विभिन्न कारणों से निगलने में कठिनाई हो सकती है. जिसका इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है. स्थिति का शीघ्र निदान और उसके अनुसार उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है.