शहरी गरीब योजना को ऑनलाइन करने से पारदर्शिता आई

दुरूपयोग करनेवालों की संख्या घटी; लाभार्थियों की जानकारी प्रॉपर्टी टैक्स विभाग से जोड़ने खर्च में आयी कमी

    15-Jan-2024
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pmc 
 
शिवाजीनगर, 14 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए अंशदायी चिकित्सा सहायता योजना (शहरी गरीब योजना) लागू की गई है. जब से इस योजना का संचालन ऑनलाइन कर दिया गया है और मनपा के लाभार्थियों की जानकारी प्रॉपर्टी टैक्स विभाग से जोड़ दी गई है, तब से इस योजना में अमीर घुसपैठियों की संख्या कम हो गई है. परिणामस्वरूप, इस वर्ष इस योजना के मनपा के व्यय में भी काफी बचत हुई है. पिछले साल मनपा को इस योजना पर करीब 54 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे. हालांकि, इस वर्ष वित्तीय वर्ष के अंतिम तीन माह शेष रहने के बावजूद अब तक मात्र 39 करोड़ ही खर्च किये गये हैं. इससे फर्जी लाभार्थियों में कमी आयी है और जरूरतमंद मरीजों को ही इसका लाभ मिल पा रहा है.
 
कम्प्यूटरीकरण का लाभ
मनपा द्वारा इस योजना में होने वाले खर्च की हेराफेरी को रोकने के लिए फर्जी लाभार्थियों का पता लगाने के लिए सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है. इसके अलावा आधार और अन्य जरूरी जानकारी देने के बाद संबंधित व्यक्ति की जानकारी मनपा के प्रॉपर्टी टैक्स विभाग को देकर खुद की प्रॉपर्टी और संबंधित व्यक्ति द्वारा चुकाए गए सालाना टैक्स की रकम की जानकारी लेने ली जा रही है. इस दौरान यह बात सामने आई कि शहरी गरीब योजना के कई लाभार्थी इस योजना के लिए 1 लाख रुपये का इन्कम का सर्टीफिकेट दे रहे थे, लेकिन हकीकत में वे मनपा को 5 लाख रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स दे रहे थे. इसलिए मनपा ने ऐसे नागरिकों को इस योजना का लाभ देना बंद कर दिया. साथ ही ये सारी प्रक्रिया ऑनलाइन की गई. इस साल के अंत तक इसका परिणाम देखने को मिला है और इस योजना का खर्च काफी कम हो रहा है.
 
20 करोड़ रुपए का फंड शेष
 पिछले साल मनपा ने इस योजना पर 55 करोड़ रुपये खर्च किये थे. इसलिए, वर्ष 2023-24 के बजट में मनपा आयुक्त द्वारा इस योजना के लिए 60 करोड़ रुपए का फंड का प्रावधान बजट में रखा था, लेकिन अभी भी केवल 40 करोड़ ही खर्च हुए हैं और 20 करोड़ बचे हैं. दिलचस्प बात यह है कि हर साल नवंबर से प्रशासन को इस खर्च के लिए फंड का बार-बार वर्गीकरण करना पड़ता है. हालांकि इस साल एक बार भी वर्गीकरण नहीं किया गया है.
 
फर्जी लाभार्थियों का सदस्यता पंजीकरण रद्द
शहरी गरीब योजना को इस वर्ष से कम्प्यूटरीकृत कर दिया गया है और फर्जी लाभार्थियों का सदस्यता पंजीकरण रद्द कर दिया गया है. साथ ही दस्तावेजों में किसी को कोई छूट नहीं दी जाती है. हालांकि, किसी को कोई बाधा भी नहीं लायी जाती है. इसलिए, इस वर्ष योजना का खर्च कम हो गया है.
                                                                                                   - डॉ. मनीषा नाइक (सहायक स्वास्थ्य प्रमुख, पुणे मनपा)