न्याय पाने किशोर छाब्रिया ने फिर शुरू किया सत्याग्रह

05 Jan 2024 11:30:57
 
chabriya
 
 
 
पुणे, 4 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
 
देश के अग्रणी आईडीबीआई बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बजाज अलियांज जनरल इंश्योरेंस से 90 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में न्याय पाने के लिए स्लिपींस प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी किशोर छाब्रिया ने एक बार फिर से सत्याग्रह आंदोलन शुरु कर दिया है. 27 दिसंबरः 2023 से कल्याणीनगर के अपने घर पर सत्याग्रह शुरु किया है. इससे पहले लक्ष्मी रोड पर अपनी दुकान स्लिपींस अपेरेल्स पर लगातार 91 दिनों तक सत्याग्रह किया था. इसी पृष्ठभूमि पर किशोर छाब्रिया ने गुरुवार 4 जनवरी को पत्रकार-भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में यह जानकारी दी. किशोर छाब्रिया ने कहा कि स्लिपीन्स अपेरेल्स नाम से देश भर में 50 स्टोर के माध्यम से मेरा व्यवसाय 2009 तक अच्छा चल रहा था.
 
जिसका वार्षिक टर्न ओवर 150 करोड़ का था. 17.20 करोड़ का क्रेडिट था. स्टॉक प्लांट और मशीनरी का चोलामंडलम कंपनी से बीमा निकलवाया गया था. आईडीबीआई बैंक और यूनियन बैंक को स्लिपीन्स कंपनी का टर्नरओवर और बाजार में साख की जानकारी पता होने के कारण दोनों बैंकों ने मुझसे संपर्क किया. उन्होंने मुझे नकदी, क्रेडिट और सावधि लोन दिए. बिजनेस के विस्तार और आईडीबीआई और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बिजनेस की संभावना और अन्य आश्वासनों के कारण मेरे नियमित बैंकों से होने वाले व्यवहार को मैंने आईडीबीआई और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में ट्रांसफर करने की सहमति प्रदान कर दी. इसमें 19.65 करोड़ के लोन के लिए बैंक ने करीब 25 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी सिक्योरिटी के रुप में रखी. आईडीबीआई बैंक से लोन लेते समय उन्होंने कई नियम और शर्तें लागू कीं. इसमें बजाज एलियांज से एक पॉलिसी लेने की भी शर्त थी. मैंने शर्त के अनुसार पॉलिसी भी ले ली थी.इसके बाद मेरे गोदाम में आग लग गई, जिसमें 25 करोड़ रुपए का नुकसान होने की रिपोर्ट लोणीकंद पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी. शार्ट सर्किट में आग लगने का कारण पंचनामा में दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि बैंक और बीमा कंपनी ने आपस में सांठगांठ करके मेरे ऊपर फर्जी केस दर्ज करवा कर मुझे बर्बाद करने का प्रयास किया. पुलिस जांच और पंचनामा तैयार करने के बाद ही आग लगने का कारण शार्टसर्किट पाया गया था लेकिन क्लेम को टालने के लिए मेरे ऊपर झूठे केस दर्ज करवा कर मुझे और मेरे परिवार को बर्बाद करने का प्रयास किया गया.
 
पॉलिसी बेचने की मॉडस ऑपरेंडी
 
किशोर छाब्रिया ने आगे कहा कि पॉलिसी ग्राहकों को बेचने के लिए बजाज आलियांज की यह मॉडस आपरेंडी है. इस घोटाले के कारण मेरे दावे का फैसला नहीं हुआ और मुझे नुकसान की भरपाई नहीं मिल सकी. मेरे ऊपर लादे गए केस में मुझे सन्‌‍ 2021 में पुणे जिला और सत्र न्यायालय ने निर्दोष बरी किया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने आईडीबीआई बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बजाज आलियांज के खिलाफ कई आवेदन दिए गए. घोटाले को दबाने हेतु कई सरकारी विभाग, पुलिस और कई भ्रष्टाचारी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराए गए, लेकिन हाईकोर्ट द्वारा मेरे अर्जी पर सुनवाई नहीं की जा रही है और मेरे पक्ष भी नहीं सुना जा रहा है.
 
बजाज आलियांज ने एक ही नंबर पर जारी की 4 पालिसियां
 
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने नुकसान भरपाई देने से इंकार कर दिया क्योंकि ‘ओजी-09-2001-4006-00000003' इस एक ही नंबर से चार पॉलिसियां दी गई थीं. जिसमें करीब 90 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई थी. इस घोटाले को दबाने के लिए आईडीबीआई बैंक और बजाज आलियांज कंपनी द्वारा विभिन्न प्रकार के गलत तरीके अपनाए गए.जिसके कारण इस दावे का फैसला नहीं हो सका, उलट आईडीबीआई कंपनी ने मेरे ऊपर केस दर्ज करवा दिया और घोटाला छिपाने का प्रयास किया.
 
91 दिनों के सत्याग्रह के बाद भी सुनवाई नहीं
 
इसके विरोध में जुलाई 2023 से सितंबर 2023 तक लगातार 91 दिनों तक मैंने सत्याग्रह किया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने मुझे इस मामले में तलब किया. इसमें से एक मामले की 20 दिसंबरः 2023 को सुनवाई करने का सर्कुलर जारी किया लेकिन प्रत्यक्ष में यह मामला सुनवाई की लिस्ट में नहीं आया. एक लाख करोड़ से अधिक का घोटाला होने के बाद भी इसे दबाया जा रहा है. यह इससे स्पष्ट होता है. उन्हेोंने कहा कि न्याय मेरा मूलभूत अधिकार है. हाईकोर्ट द्वारा मेरे मामले की सुनाई नहीं करने के कारण मैं 27 दिसंबरः 2023 से भी सत्याग्रह कर रहा हूं. मेरे प्रकरण की हाईकोर्ट द्वारा तत्काल सुनवाई की जाए. यह मेरी स्पष्ट मांग है.
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