श्री महालक्ष्मी देवी काे पहनाई 16 किलो सोने की साड़ी

14 Oct 2024 12:00:54
 
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सारसबाग, 13 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
करीब 23 साल पहले दक्षिण भारत के कारीगरों द्वारा तैयार की गई सोने की साड़ी को इस साल भी सारसबाग मंदिर में श्री महालक्ष्मी देवी को पहनाई गयी. विजयादशमी (दशहरा 12 अक्टूबर) पर देवी को यह साड़ी पहनाना मंदिर की परंपरा है. हर साल मंदिर प्रशासन की ओर से यह 16 किलो सोने की साड़ी देवी की मूर्ति को पहनाई जाती है. श्री महालक्ष्मी मंदिर सारसबाग, श्री बंसीलाल रामनाथ अग्रवाल धार्मिक एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट द्वारा यह साड़ी साल में दो बार पहनाई जाती है. कार्यक्रम के दौरान मंदिर के संस्थापक ट्रस्टी राजकुमार अग्रवाल, मुख्य ट्रस्टी अमिता अग्रवाल, ट्रस्टी एड. प्रताप परदेशी, डॉ. तृप्ति अग्रवाल, भरत अग्रवाल, प्रवीण चोरबेले, हेमन्त अर्नालकर, नारायण काबरा, नीलेश लद्दड़ समेत इस मौके पर विधायक माधुरी मिसाल भी मौजूद रहीं.
 
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डॉ. तृप्ति अग्रवाल ने कहा, प्राचीन काल से ही दशहरे के दिन सोना लूटने की परंपरा है. उस परंपरा के अनुसार, यह सोने की साड़ी दशहरा और लक्ष्मी पूजन के दिन श्री महालक्ष्मी देवी को पहनाई जाती है ताकि भक्त श्री महालक्ष्मी देवी के दर्शन सोने की साड़ी में कर सकें. इस सुनहरे परिधान में श्री महालक्ष्मी देवी के स्वरूप को देखने के लिए हर साल भक्तों की भीड़ उमड़ती है. गौरतलब है कि यह साड़ी एक भक्त ने देवी को अर्पित की है. इस साड़ी का वजन 16 किलो है. इस साड़ी को बनाने में लगभग 6 महीने का समय लगा था. यह सोने की साड़ी आकर्षक कढ़ाई से बनाई गई है.
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