पुणे, 25 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
पुणे के कसबा विधानसभा क्षेत्र से मनसे के गणेश भोकरे को चुनाव लड़ने का अवसर दिया गया है. उनके नाम की चर्चा न होने के बावजूद अचानक भोकरे का नाम मनसे द्वारा सामने लाने से विरोधियों की भौहें तन गई हैं. शुक्रवार को मनसे की चौथी सूची जारी की गई, जिसमें कसबा विधानसभा क्षेत्र से गणेश भोकरे को उम्मीदवार घोषित किया गया है. इसके चलते कसबा में अब चार-कोणीय मुकाबला होने की संभावना स्पष्ट हो गई है. कसबा क्षेत्र की विधायक मुक्ता तिलक के निधन के बाद यहां उपचुनाव हुआ था. इस उपचुनाव में कांग्रेस के रवींद्र धंगेकर ने 30 साल से भाजपा के पास रहे इस निर्वाचन क्षेत्र को अपने पक्ष में कर लिया था, जिससे यह क्षेत्र काफी चर्चा में आ गया.
अब फिर से कांग्रेस ने धंगेकर को उम्मीदवार बनाया है, जबकि मनसे की ओर से गणेश भोकरे चुनाव लड़ेंगे. इसी बीच, पूर्व महापौर कमल व्यवहारे ने भी स्वराज्य पार्टी में प्रवेश कर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इस तरह कसबा का चुनाव अब चार-कोणीय हो गया है. कसबा में पहले धंगेकर ने एक बार मनसे के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था.
उस समय गिरीश बापट ने धंगेकर को हराया था, फिर भी धंगेकर को अच्छे वोट मिले थे और वे दूसरे स्थान पर थे. इससे कसबा में मनसे का मतदाता आधार होने की पुष्टि हुई थी. अब गणेश भोकरे, जो मनसे के निष्ठावान और युवा नेता हैं, को पार्टी ने मौका दिया है. भोकरे एक गणेश मंडल के कार्यकर्ता हैं और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं. कसबा के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए उनकी कोशिशें भी दिखाई दी हैं. अब भाजपा के सामने एक और चुनौती खड़ी हो गई है और सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि भाजपा कसबा में किसे मौका देगी?