भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने गणपति पूजा के लिए प्रधानमंत्री के उनके घर आने काे लेकर हाल ही में उठे विवाद पर टिप्पणी करते हुए इसे अनावश्यक, अनुचित और अतार्किक बताया.उन्हाेने कहा, निवर्तमान सीजेआई ने जाेर देकर कहा कि सामाजिक आयाेजनाें के दाैरान इस तरह की यात्राएं आम हैं और न्यायिक स्वतंत्रता से समझाैता नहीं करती हैं.सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सीजेआई, उच्च न्यायालयाें के सीजे और बच्चाें की शादी या त्याैहार जैसे सामाजिक अवसराें पर न्यायाधीशाें के आवास पर जाते हैं, लेकिन मैं एक भी ऐसा अवसर नहीं बता सकता, जब सीजेआई या सुप्रीम काेर्ट के न्यायाधीशाें ने कभी भी केंद्र या राज्याें के कार्यकारी प्रमुखाें के साथ किसी न्यायिक मामले पर चर्चा की हाे. केवल अभिवादन के आदान-प्रदान े अलावा, किसी अन्य मामले पर चर्चा नहीं की जाती है.
सितंबर में प्रधानमंत्री के सीजेआई के आवास पर जाने काे लेकर विवाद खड़ा हाे गया था और एक वीडियाे वायरल हुआ था जिसमें चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी माेदी का स्वागत करते हुए दिखाई दे रहे थे. विपक्ष ने सीजेआई के आवास पर पूजा में माेदी के शामिल हाेने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्हाेंने सख्त प्राेटाेकाॅल पर प्रकाश डाला, जिससे यह सुनिश्चित हाेता है कि न्यायिक मामलाें पर कभी भी राजनीतिक नेताओं के साथ चर्चा नहीं की जाती. उन्हाेंने कहा, संवैधानिक न्यायालयाें के न्यायाधीशाें और कार्यपालिका के प्रमुखाें में इतनी परिपक्वता है कि वे न्यायिक मामलाें काे किसी भी चर्चा के दायरे से बाहर रख सकते हैं. उन्हाेंने स्पष्ट किया कि न्यायाधीशाें और राजनीतिक नेताओं के बीच चर्चा प्रशासनिक मुद्दाें तक सीमित है.