मल्होत्रा वीकफील्ड फाउंडेशन का 18वां वार्षिक पुरस्कार समारोह संपन्न

एमडब्ल्यूएफ स्कॉलरशिप प्राप्त स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कर रहे मेधावी और विद्वानों को किया सम्मानित

    03-Oct-2024
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पुणे, 2 अक्टूबर (आ.प्र.)
 
मल्होत्रा परिवार और मल्होत्रा वेकफील्ड फाउंडेशन (एमडब्ल्यूएफ) की तरफ से 18 वां वार्षिक पुरस्कार समारोह रविवार, 29 सितंबर को सिम्बायोसिस ईशान्या भवन, विमान नगर में संपन्न हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता एमडब्ल्यूएफ सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष डॉ.रघुनाथ माशेलकर ने की और मुख्य अतिथि सीएसआईआर-राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. आशीष लेले थे. पिछले दो वर्षों की तरह, मौजूदा विद्वानों ने मंजरी गोखले जोशी और उर्मिला दीक्षित के विशेषज्ञ मार्गदर्शन में प्रशिक्षित होकर पूरे कार्यक्रम की मेजबानी और संचालन किया. मुकेश मल्होत्रा ने डॉ. माशेलकर के मार्गदर्शन की बदौलत मल्होत्रा वेकफील्ड फाउंडेशन स्कॉलरशिप प्रोग्राम की नींव रखने वाले कार्यक्रम को याद किया.
 
उन्होंने कई एमडब्ल्यूएफ स्कॉलर्स की उपलब्धियों को गिनाया, जिन्होंने उद्यमिता, पेटेंट, प्रतिष्ठित वेिशविद्यालयों में विदेश में शोध सहित विभिन्न स्तरों पर फाउंडेशन को गौरवान्वित किया है. रितु मल्होत्रा ने फाउंडेशन के उद्देश्य और एमडब्ल्यूएफ स्कॉलर होने के महत्व के बारे में बताया तथा स्कॉलरों से इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम द्वारा प्रदान किए गए प्रचुर अवसरों का लाभ उठाने का आवाहन किया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आशीष लेले ने एक संपूर्ण नए परिप्रेक्ष्य के माध्यम से समृद्ध एवं आंखें खोलने वाला साक्षात्कार दिया. प्रीति मल्होत्रा ने नए विद्वानों के चयन की वास्तविक प्रक्रिया और प्रसंस्करण पर संक्षिप्त जानकारी दी, जिसमें साक्षात्कार संकाय द्वारा निभाई गई भूमिका पर विशेष जोर दिया गया. एचवी देसाई कॉलेज के इन प्रोफेसरों को सम्मानित किया गया. अेिशनी मल्होत्रा ने कहा कि नए स्कॉलर्स ने खाद्य विज्ञान और खाद्य प्रौद्योगिकी को अपना विषय नहीं चुना है.
 
उन्होंने छात्रों को उस क्षेत्र में अवसरों के बारे में बताया और वादा किया कि वे इसे सभी स्कॉलर्स के साथ साझा करेंगे, इस उम्मीद के साथ कि अगले साल भी स्कॉलर्स इस आशाजनक विषय को चुनेंगे. शुद्ध विज्ञान के अंतर्गत आने वाले विषयों में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कर रहे मेधावी और योग्य विद्वानों को प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों, अतिथियों, मार्गदर्शकों, विद्वानों, संकाय और उनके माता-पिता की उपस्थिति में सम्मानित किया गया तथा छात्रवृति प्रदान की गई. उल्लेखनीय है कि अधिकांश विद्वान, मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों से आने वाली लड़कियां हैं, जिन्हें संकाय और ट्रस्टियों द्वारा निर्धारित सख्त मानदंडों पर तय किए गए साक्षात्कारों के आधार पर चुना गया और शॉर्टलिस्ट किया गया है. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के गायन के साथ हुआ.