नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (वि.प्र.)
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को मराठी, बंगाली सहित 5 भाषाओं को ‘अभिजात्य भाषा' का दर्जा दिया जाएगा. यह जानकारी केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. विधानसभा चुनाव से पूर्व केंद्रीय कैबिनेट ने महत्वपूर्ण फैसला लिया. इसके अलावा रेल कर्मियों को खुश करने के लिए 78 दिनों का बोनस देने का निर्णय लिया है. इससे 12 लाख कर्मियों को मिलेगा लाभ मिलेगा. कृषि योजनाओं हेतु 1 लाख करोड़ आवंटित करने के निर्णय पर भी मुहर लगाई गई. केंद्रीय रेल मंत्री अेिशनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ने रेलवे कर्मचारियों के लिए 2029 करोड़ रुपए के प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस को मंजूरी दी है. उन्होंने बताया कि इस ऐलान से रेलवे के 11,72,240 कर्मचारियों का फायदा मिलेगा. सरकार ने प्रधानमंत्री-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना को भी मंजूरी दी है. इसके लिए 1,01,321 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया.
मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को ‘शास्त्रीय भाषा' का दर्जा दिया जाएगा. चेन्नई मेट्रो के फेज-2 के लिए 63,246 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस योजना 20,704 पोर्ट कर्मचारियों के लिए भी मंजूर की गई है. राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- तिलहन के तहत तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 2024-25 से 2030-31 तक 10,103 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. किसी भाषा को इस श्रेणी में लाने के लिए उस भाषा के कम से कम हजार साल के दौरान रिकॉर्ड किए गए इतिहास या शुरुआती ग्रंथ बेहद प्राचीन होने चाहिए. भाषा का एक प्राचीन साहित्य या ग्रंथों का संग्रह हो, जिसे कई पीढ़ियां मूल्यवान मानती हों. भाषा की साहित्यिक परंपरा मौलिक हो, किसी अन्य भाषा से उधार नहीं ली गई हो.
प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा बोनस
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य कर्मचारियों को दी जाएगी. कार्यकुशलता से जुड़े बोनस का भुगतान सुधार की दिशा में काम करने के लिए कर्मियों को प्रेरित करने हेतु प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा.