मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिलने से राज्य में खुशी की लहर

सत्ता पक्ष सहित विपक्ष ने भी केंद्र सरकार के फैसले किया जोरदार स्वागत

    04-Oct-2024
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मुंबई, 3 अक्टूबर (वि.प्र.)
 
केंद्र सरकार ने मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के फैसले की घोषणा की है. महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों के लिए यह सबसे बड़ा फैसला माना जा रहा है. पिछले कई वर्षों से, चाहे महाराष्ट्र में लेखक हों या कई अन्य समूह, उन्होंने मराठी भाषा को अभिजात वर्ग का दर्जा दिलाने के लिए बहुत मेहनत की है और राजनीतिक नेता भी पहले से इसकी मांग करते रहे हैं. इसलिए केंद्र सरकार का यह फैसला मराठी लोगों के लिए गौरव का क्षण बताया जा रहा है.
 
हमारे लिए ऐतिहासिक दिनः फड़णवीस
केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया ‌‘एक्स' पर लिखा कि आज माय मराठी के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरूवार मराठी भाषा को विशिष्ट भाषा का दर्जा देने का फैसला किया. मैं माननीय हूं. हम महाराष्ट्र की 12 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल के सभी माननीय मंत्रियों को हृदय से धन्यवाद व्यक्त करते हैं.
 
अत्यंत संतोष एवं प्रसन्नता की बात : सुले
शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, अंततः कई वर्षों के अथक प्रयास के बाद मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिल गया. यह उन सभी मराठी लोगों के प्रयासों की सामूहिक सफलता है जो इसके लिए प्रयास कर रहे हैं. इन सभी प्रक्रियाओं का नेतृत्व वरिष्ठ लेखक माननीयों ने किया. रंगनाथ पठारे की समिति ने किया. दिवंगत प्रो. हरि नरके से लेकर श्रीपाद जोशी तक, कई गणमान्य व्यक्तियों ने बहुमूल्य योगदान दिया. इस अवसर पर इसका कृतज्ञतापूर्वक उल्लेख किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का हृदय से स्वागत है. सभी मराठी भाषियों को हार्दिक बधाई. आइए हम सभी भविष्य में मराठी भाषा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए दृढ़ संकल्पित हों.
 
राज्य के लिए ख़ुशी का दिन : वडेट्टीवार
विधानपरिषद के विपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का प्रस्ताव पिछले 10 वर्षों से केंद्र सरकार के पास लंबित था. महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के लिए केंद्र को मराठी भाषा पर एक विशेषज्ञ रिपोर्ट सौंपी थी. 10 जनवरी 2012 को वरिष्ठ लेखक रंगनाथ पठारे की अध्यक्षता में मराठी भाषा विशेषज्ञ शोधकर्ताओं की एक समिति की स्थापना की गई. कमेटी ने शोध कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी. आज पूरे महाराष्ट्र के लिए ख़ुशी का दिन है, क्योंकि हमारी मातृभाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिल गया है. यह स्पष्ट है कि चुनाव में हार ही एकमात्र चीज है जो केंद्र सरकार को निर्णय लेने पर मजबूर करती है. चुनाव में हार के डर से आज हमारी मायबोली को सम्मानजनक स्थान मिला है, दस साल का इंतजार आज जाकर खत्म हुआ.
 
हमारी प्रिय भाषा को उचित सम्मान मिला
सीएम शिंदे ने कहा, आखिरकार मेरी मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिल गया! एक लड़ाई सफल रही. इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने लगातार केंद्र का सहयोग किया था. हमारी प्रिय भाषा का सम्मान करने के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, साथ ही केन्द्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के आभारी हैं. इस कार्य में कई मराठी भाषियों, विचारकों, भाषा विद्वानों, लेखकों और आलोचकों ने मदद की. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!