भोसरी, 17 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने पिंपरी-चिंचवड़ शहर में शास्तीकर व साढ़े बारह प्रतिशत रिफंड जैसी जटिल समस्याओं का समाधान किया. विधायक महेश लांडगे ने रेड जोन और ब्लू फ्लड लाइन में कंस्ट्रक्शन के मुद्दे को प्राथमिकता से आगे बढ़ाया है, इसलिए लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम रेडजोन व ब्लू फ्लड लाइन में कंस्ट्रक्शन का मसला हल करेंगे.महेश लांडगे के प्रचार हेतु चिखली के म्हेत्रे बस्ती में आयोजित जनसभा को फडणवीस संबोधित कर रहे थे. फडणवीस ने आरोप लगाया कि शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले यह झूठ फैला रहे हैं कि महाराष्ट्र के कई उद्योगों को गुजरात ले जाया जा रहा है, लेकिन वास्तविकता यह है और उनके पास फेक नेरेटिव की फैक्ट्री है. सभा में मंच पर विधायक अमित गोरखे, शिवसेना उपनेता इरफान सैयद, संयोजक विजय फुगे, पूर्व महापौर मंगला कदम, राहुल जाधव, नितिन कालजे, पूर्व उपमहापौर शरद बोर्हाड़े, पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष विलास मडिगेरी, संतोष लोंढे, राकांपा की शहर अध्यक्ष कविता आल्हाट, पूर्व नगरसेवक सुरेश म्हेत्रे, कुंदन गायकवाड़, उत्तम केंदले, योगिता नागरगोजे, विनायक मोरे, उद्यमी संतोष बारणे आदि उपस्थित थे. फडणवीस ने महेश लांडगे द्वारा पिछले दस वर्षों में किये गये कार्यों की सराहना की. इस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों पर फडणवीस ने चुटकी लेते हुए कहा कि इसे गंभीरता से न लें.
एक कहावत भी है- ‘हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार’. उन्होंने महेश लांडगे की तारीफ करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के संत महात्माओं को भी आरोपों का सामना करना पड़ा, तो हम क्या हैं. यह बड़ी बात है कि काम करने वाले की ही बदनामी होती है, लेकिन चिंता मत करो, भोसरी के नागरिक लांडगे पर वेिशास करते हैं. आपका कोई भी बाल ही बांका नहीं कर सकता. सभी ने देखा है कि 2014 के बाद पिंपरी-चिंचवड़ की तस्वीर बदल गई है. हमने 2014 के बाद तेजी से मेट्रो, फ्लाईओवर व अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया.
शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने पिछले दिनों कहा था कि हिंजवड़ी की 36 कंपनियां बाहर चली गईं, लेकिन यह बात सच नहीं है. मैं इस फेक नेरेटिव फैक्ट्री चलाने वालों को बताना चाहूंगा कि मैं 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री में था. इस अवधि के दौरान, महाराष्ट्र विदेशी निवेश के मामले में नंबर एक था. 2020- 21 में महाराष्ट्र चौथे स्थान पर आ गया. उस समय महाविकास आघाड़ी की सरकार थी. अगर हम आज निवेश की तुलना करें तो कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र का निवेश 48 प्रतिशत है, लेकिन अकेले महाराष्ट्र का निवेश 52 प्रतिशत है. ये आंकड़े आरबीआई द्वारा जारी किए गए हैं, लेकिन महाविकास आघाड़ी के नेता यह फर्जी कहानी गढ़ते हैं कि महाराष्ट्र पिछड़ रहा है. आने वाले समय में पुणे जिले में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बड़ी मात्रा में निवेश होगा.