खड़कवासला, 23 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
खड़कवासला विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी महायुति के भीमराव तापकीर ने लगातार चौथी बार जीत दर्ज कर यह साबित किया कि यह क्षेत्र बीजेपी का मजबूत गढ़ है. तापकीर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद पवार गुट के उम्मीदवार सचिन दोड़के को 50,000 से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हराकर शानदार तरीके से विधानसभा में प्रवेश किया. इस क्षेत्र में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के पूर्व विधायक रमेश वांजले के बेटे और मनसे उम्मीदवार मयूरेश वांजले ने भी 25,000 से अधिक वोट हासिल किए. 2012 में रमेश वांजले के निधन के बाद खड़कवासला विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हुआ था.
इस उपचुनाव में भीमराव तापकीर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से उतरींं रमेश वांजले की पत्नी हर्षदा वांजले को हराकर अपनी जगह बनाई. 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर के चलते तापकीर आसानी से विजयी रहे. हालांकि, 2019 में उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस के सचिन दोड़के ने कड़ी टक्कर दी थी, और तापकीर केवल 2,500 वोटों के मामूली अंतर से जीत सके थे. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बारामती संसदीय क्षेत्र का हिस्सा होने के बावजूद इस विधानसभा क्षेत्र से महायुति की उम्मीदवार सुनेत्रा अजित पवार को उम्मीद के मुताबिक बढ़त नहीं मिली थी. इस वजह से इस बार खड़कवासला का उम्मीदवार बदले जाने की चर्चा जोरों पर थी. बीजेपी से 11 पूर्व पार्षद और पदाधिकारियों ने टिकट की मांग की थी. साथ ही, महायुति के बीजेपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच वड़गांव शेरी और खड़कवासला सीटों की अदला-बदली पर अंतिम समय तक बातचीत चलती रही. अंततः बीजेपी ने फिर से भीमराव तापकीर पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया.
क्षेत्र का तेजी से विकास करूंगा
मतदाताओं ने मुझे चौथी बार भारी मतों से जिताया, इसके लिए मैं उनकी ऋणी रहूंगा. मैंने पिछले कुछ वर्षों में विधानसभा क्षेत्र का विकास किया है और आगे भी नागरिकों के सहयोग से तेजी से विकास करूंगा. मनपा में शामिल किए गए गांवों के निवासियों को संपत्ति कर में स्थायी राहत देने का प्रयास करूंगा. -भीमराव तापकीर, विधायक, खड़कवासला