पुणे, 24 नवंबर (आ.प्र.)
फुरसुंगी और उरुली देवाची इन दो गावों के लिए नगरपालिका परिषद स्थापित की गई है, लेकिन यहा निर्माण की अनुमति किसे देनी चाहिए, इस पर भ्रम था. मनपा द्वारा राज्य सरकार से इस संबंध में पूछे जाने पर नगर विकास विभाग ने मनपा को आदेश दिया कि इन दोनों गांवों की सीमा में निर्माण की अनुमति की प्रक्रिया नगर परिषद को हस्तांतरित कर दी जाये. इसलिए मनपा को इस गांव में सरकारी निर्माण कराने और अनाधिकृत निर्माण रोकने की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने दो गांवों फुरसुंगी और उरुली देवाची को मनपा से बाहर करने का फैसला किया है. इन दोनों गांवों के लिए एक नगर परिषद की स्थापना की गई. फिलहाल यहां रोजाना का कामकाज एडमिनिस्ट्रेटर के जरिए देखा जाता है. साथ ही इस गांव में नगर परिषद से तुरंत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना संभव नहीं होने के कारण इसकी जिम्मेदारी मनपा को दी गयी है. साथ ही मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसे छह माह के अंदर गांव के विकास का प्लान सरकार को सौंपना होगा. इस बीच पिछले कुछ सालों से इन दोनों गांवों की सीमा में कई बड़ी निर्माण परियोजनाएं शुरू की गई हैं. वहां मनपा ने अनुमति दे दी, लेकिन इस गांव में नगर परिषद बनने के बाद अनुमति दी जाए या नहीं, इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही. इसलिए नगर विकास विभाग से इस तरह का अनुरोध किया गया था आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले ने नगर विकास विभाग को पत्र भेजकर पूछा था कि मनपा निर्माण की अनुमति दे या नहीं. इस संबंध में मनपा को हाल ही में पत्र मिला है.