बिबवेवाड़ी, 24 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
हम कई संगठनों से जुड़े होते हैं. लेकिन, किसके साथ जाना है इसका सही चुनाव हमें करना होगा. सही जगह पहुंचना होगा. यह ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए कि आने वाला भविष्य हमारे भीतर ही छिपा है. हम कई तरह के कार्य करते हैं. लेकिन, जब आपके कार्य को समाज द्वारा भी सलाम किया जाता है, तो वास्तविक सम्मान होता है, ऐसे विचार जीतो एपेक्स इंटरनेशनल के अध्यक्ष विजय भंडारी ने व्यक्त किए. वह ‘जय आनंद ग्रुप’ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में अध्यक्ष पद से बोल रहे थे. इस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रुप में कोहिनूर ग्रुप के चेयरमैन कृष्णकुमार गोयल और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के सदस्य तथा समस्त महाजन ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी गिरीशभाई शाह, जैन समाज अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम के अध्यक्ष ललित गांधी समेत जय आनंद ग्रुप के अध्यक्ष पृथ्वीराज धोका मंच पर उपस्थित थे. यह कार्यक्रम रविवार (24 नवंबर) को बिबवेवाड़ी के अण्णाभाऊ साठे सभागार में आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में पूना मर्चें ट्स चेंबर के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र बाठिया को ‘समाजभूषण पुरस्कार’ और जीतो (आरओएम) के चीफ सेक्रेटरी आदेश खिंवसरा को ‘जय आनंद मानव सेवा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया. पृथ्वीराज धोका ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए ग्रुप द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष 25वां समाजभूषण पुरस्कार दिया जा रहा है.
गिरीशभाई शाह ने कहा कि हमें समाज में अच्छा काम करने वालों के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए. इसीलिए मैं इस कार्यक्रम में खासतौर पर शामिल हुआ हूं. ऐसे बहुत से लोग हैं जो दूसरों को सलाह देते हैं कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. हालांकि, हमें स्वयं निर्णय लेना होगा कि क्या करना है, तभी हम सम्मानित हो सकते हैं. हमें एक ग्रुप के रूप में यह तय करना चाहिए कि अगले 25 वर्षों के लिए हमारी समाज सेवा की भूमिका और दिशा क्या होनी चाहिए. इसलिए साधर्मिक का अर्थ है कि हमारे साथ के लोग हमारे जैसे ही श्रेष्ठी बनने चाहिए. कृष्णकुमार गोयल ने ग्रुप की गतिविधियों की सराहना की. उन्होंने कहा कि समाज में अच्छा काम करने वालों को ढूंढ़ना और पुरस्कृत करना अच्छी बात है.
मुझे इस बात की भी ख़ुशी है कि इस कार्यक्रम में निरंतरता बनी हुई है. इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग भी ये पुरस्कार पाना चाहते हैं. प्रेरणा देने की दृष्टि से यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण है. विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों को एक मंच पर लाने के लिए ‘जय आनंद ग्रुप’ की सराहना करते हुए ललित गांधी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से गणमान्य व्यक्तियों के काम का सम्मान करना दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करता है. जैन समाज सदैव दान देने वाला समाज रहा है. यह देश का सबसे शिक्षित और सबसे ज्यादा टैक्स देने वाला समुदाय है. यह वह समाज है जहां लक्ष्मी और सरस्वती एक साथ निवास करती हैं. गांधी ने जैन अल्पसंख्यक निगम द्वारा संचालित योजनाओं एवं गतिविधियों की जानकारी दी.
उन्होंने कहा, हमें इन योजनाओं की जानकारी समाज के हर स्तर तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए. पुरस्कार मिलने पर आदेश खिंवसरा और राजेंद्र बाठिया ने खुशी जताई. बाठिया ने कहा कि यह मेरे लिए कृतज्ञता का दिन है. इस पुरस्कार ने मेरी जिम्मेदारी बढ़ा दी है और मुझे आगे काम करने की ताकत भी दी है. अब युवाओं को भी समाज के लिए आगे आना चाहिए. मंच पर उपस्थित अतिथियों का स्वागत जय आनंद ग्रुप के अध्यक्ष पृथ्वीराज धोका, कार्यकारी अध्यक्ष गणेश कटारिया, सचिव आनंद कोठारी, कोषाध्यक्ष प्रवीणचंद तालेरा, राजेंद्र सुराणा एवं राजेंद्र लुंकड़ ने किया. कार्यक्रम का संचालन अनिल लुंकड़ ने किया. अतिथियों का परिचय अशोक लोढ़ा एवं गणेश कटारिया ने कराया. सचिव आनंद कोठारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया.