इस साल देश में चावल के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी

धान की फसल और गुणवत्ता भी अच्छी रहेगी : जैसे-जैसे निर्यात बढ़ेगा, विदेशी मुद्रा भी बढ़ेगी

    06-Nov-2024
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raj
 
गुलटेकड़ी, 5 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
इस वर्ष भारत में चावल का उत्पादन बढ़ने की संभावना है. चूंकि पिछले साल का चावल का स्टॉक बचा हुआ है, इसलिए नए फसल की कीमतें स्थिर या अपरिवर्तित रहने की उम्मीद है. इसके अलावा, भारत इस वर्ष बड़ी मात्रा में चावल निर्यात कर सकेगा, जिससे देश को बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगी. इस वर्ष भारत का चावल उत्पादन लगभग 14.10 करोड़ टन होने की संभावना है. वर्ष 2022-23 में यह उत्पादन 13.57 करोड़ टन और पिछले साल यानी 2023-24 में 13.78 करोड़ टन था. पंद्रह दिन पहले, भारत सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल पर निर्यात प्रतिबंध हटा दिया था. वहीं, पिछले साल से लगभग बंद पड़ा गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात भी शुरू हो गया है.
 
भारत सरकार ने निर्यात शुरू होने के समय 20 फीसदी निर्यात शुल्क भी कम कर दिया है. इसलिए इस साल निर्यात में बढ़ोतरी की संभावना है. 2022-23 में भारत से चावल निर्यात 1.77 करोड़ टन होने का अनुमान था, जो निर्यात रुकने के कारण 2023-24 में घटकर 1.75 करोड़ टन रह गया. लेकिन अब इस साल अक्टूबर में निर्यात की इजाजत दे दी गई है. इसलिए अगले छह महीने यानी वित्त वर्ष 2024-25 में निर्यात 2.10 करोड़ टन होने की संभावना है. देश में पिछले साल का काफी चावल बचा हुआ है. क्योंकि, पिछले पूरे साल निर्यात पर रोक लगी रही और ज्यादातर चावल विदेश नहीं गया. इसलिए देश में चावल का भंडार बढ़ा हुआ है. आने वाले महीनों में नए उत्पाद के बढ़ने की संभावना है. इसलिए फिलहाल नए चावल की कीमतें नहीं बढ़ेंगी या पिछले साल की तरह ही रहेंगी.
 
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हम वैेिशक प्रतिस्पर्धियों के साथ निर्यात में टिके रहेंगे
भारत सरकार द्वारा गैर-बासमती का निर्यात शुरू करने के परिणामस्वरूप दुनिया के कई देशों ने अपनी निर्यात दरें कम कर दी हैं. इस साल भारत का निर्यात भी बढ़ेगा, जिससे देश को विदेशी मुद्रा मिलेगी. हम घरेलू चावल को दुनिया के कई देशों में भेज सकते हैं. इस वर्ष चावल की पैदावार के साथ-साथ गुणवत्ता भी उत्कृष्ट है, जिससे हम निर्यात में वेिश के प्रतिस्पर्धियों के साथ टिके रह सकेंगे और हमारा निर्यात बढ़ेगा.
- राजेश शाह, निर्यातक व अध्यक्ष, जयराज एंड कंपनी.
 
कई देशों ने गैर-बासमती चावल की निर्यात दरें कम कीं
भारत सरकार द्वारा गैर-बासमती सफेद चावल को निर्यात में दी गई छूट के कारण दुनिया के कई देशों ने गैर-बासमती चावल की निर्यात दरें कम कर दी हैं. वियतनाम ने अपना निर्यात शुल्क 28 डॉलर प्रति टन घटाकर 534 डॉलर कर दिया है. थाईलैंड प्रति टन 60 डॉलर गिरकर 517 पर आ गया है. वहीं पाकिस्तान ने निर्यात दर 53 डॉलर प्रति टन घटाकर 487 कर दी है. भारत की निर्यात दर 492 डॉलर प्रति टन है. जब भारत सरकार ने गैर-बासमती पर निर्यात प्रतिबंध हटाया, तो न्यूनतम दर 490 डॉलर प्रति टन निर्धारित की गई थी. इसलिए अब भारत ने निर्यात दर 492 डॉलर प्रति टन रखी है.
 
भारत विश्व में दूसरे स्थान पर
चावल उत्पादन में भारत वेिश में दूसरे स्थान पर है. चावल के उत्पादन में हमसे आगे चीन है.
चीन में इस साल 14.60 करोड़ टन चावल का उत्पादन होने की संभावना है, जो 2023-24 में 14.46 करोड़ टन था.
दुनिया में उत्पादन पर गौर करें तो इस साल यानी 2024-25 में दुनिया में चावल का उत्पादन 53.04 करोड़ टन होगा.
इससे पहले 2022-23 में 51.60 करोड़ टन और 2023-24 में 52.15 करोड़ टन चावल का उत्पादन हुआ था.