मनपा चुनाव में भाजपा और राष्ट्रवादी का सीधा मुकाबला!

राष्ट्रवादी कांग्रेस अजित पवार गुट द्वारा अकेले चुनाव लड़ने की संभावना

    27-Dec-2024
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पुणे, 26 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
पुणे मनपा के आगामी चुनावों के लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है. पिछली बार पुणे में भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हुआ था. हालांकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने महायुति के तहत लड़े थे, लेकिन उम्मीदवारों की अधिक संख्या को देखते हुए दोनों दल अब स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे ह्‌ैं‍. 2017 के पिछले चुनाव में भाजपा ने चार नगरसेवकों का एक प्रभाग बनने के बाद 100 सीटें जीतकर मनपा में एकतरफा सत्ता हासिल की थी.
 
रिपब्लिकन पार्टी को भी सत्ता में साझेदारी दी गई थी. वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस 42 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही थी. कांग्रेस, शिवसेना और मनसे के नगरसेवकों की संख्या दस या उससे भी कम रही. राष्ट्रवादी कांग्रेस के दो भाग होने के बाद अधिकांश नगरसेवक अजीत पवार के साथ बने रहे. दोनों गुटों ने एक-एक विधायक चुना, जबकि पुणे शहर के बाकी छह विधायक भाजपा के हैं. इनमें से दो को राज्य सरकार में मंत्री पद मिला, और पूर्व महापौर मुरलीधर मोहोल को केंद्र सरकार में राज्य मंत्री का पद मिला. भाजपा के पास चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक है, इसलिए उनके कार्यकर्ता सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की मांग कर रहे हैं.
 
इसी तरह, राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की भी मांग है कि वे स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ें. राष्ट्रवादी कांग्रेस के शहर कार्याध्यक्ष प्रदीप देशमुख ने कहा कि कार्यकर्ताओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए, महायुति के घटक दलों का स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की संभावना अधिक है. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य नेताओं ने विधानसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं की बैठकों में इस बारे में संकेत दिए थे. देशमुख ने आगे बताया कि कई प्रभागों में मजबूत कार्यकर्ता हैं, जो निगम में सत्ता हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं. यदि महायुति एक साथ चुनाव लड़ती है, तो राष्ट्रवादी कांग्रेस को कम सीटें मिल सकती ह्‌ैं‍. इसलिए कार्यकर्ताओं की मांग है कि पार्टी अकेले चुनाव लड़े. अंतिम निर्णय अजीत पवार और पार्टी के वरिष्ठ नेता लेंगे. *
 
 अन्य दलों का भी रहेगा प्रभाव
 
देशमुख ने यह भी कहा कि पिछले मनपा में राष्ट्रवादी कांग्रेस के लगभग 35 नगरसेवक उनके पास हैं. साथ ही, 2012 में निर्वाचित कई नगरसेवक भी अजीत पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हैं. इससे पार्टी की स्थिति आगामी चुनाव में मजबूत रहेगी. यदि भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं, तो पुणे में मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच होगा. अन्य राजनीतिक दल कुछ प्रभागों में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. अगर भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस की युति होती है, तो टिकट न मिलने वाले उम्मीदवार दूसरे दलों में शामिल हो सकते हैं. ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि दोनों दल स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर चुनाव के बाद फिर से गठबंधन कर सकते हैं.