मुंबई, 2 फरवरी (आ.प्र.)
बैंक ऑफ बड़ौदा का एकल शुद्ध लाभ तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 18.8% बढ़कर 4,579 करोड़ रुपये हो गया. जबकि पिछले साल यह 3,852.7 करोड़ था. ऋणदाता की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) 11,101 करोड़ रही. यह 10,818.3 करोड़ से बढ़कर साल-दरसाल 2.6% की वृद्धि को दर्शाता है. बैंक ने संपत्ति की गुणवत्ता में कुछ सुधार दिखाया, सकल एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) 3.08% रही, जो पिछली तिमाही में 3.32% थी. शुद्ध एनपीए में भी गिरावट देखी गई, जो पिछली तिमाही के 0.76% से कम होकर 0.70% हो गया. सकल एनपीए 32,317 करोड़ रहा, जो पिछली तिमाही के 33,978.5 करोड़ से कम है. पिछली तिमाही में शुद्ध एनपीए 7,596.7 करोड़ से घटकर 7,208.3 करोड़ हो गया. बैंक ने 666.3 करोड़ का प्रावधान किया, जो सालाना आधार पर रिपोर्ट किए गए 2,404 करोड़ और पिछली तिमाही के 2,160.6 करोड़ से काफी कम है. बैंक की आय की लागत अनुपात में साल-दर-साल 123 आधार अंकों (बीपीएस) की कमी देखी गई, जो दिसंबर 2023 (9एमएफवाई24) को समाप्त होने वाले नौ महीनों के लिए 47.13% तक पहुंच गया. बैंक ऑफ बड़ौदा की वैेिशक प्रगति में Q3FY24 में सालाना आधार पर 13.6% की वृद्धि दर्ज की गई, जो कि मजबूत खुदरा ऋण पुस्तिका वृद्धि से प्रेरित है. ऑटो लोन (24.3%), होम लोन (15.6%), पर्सनल लोन (60.8%), मॉर्टगेज लोन (10.5%), और शिक्षा जैसे उच्च-फोकस वाले क्षेत्रों में वृद्धि से प्रेरित होकर, बैंक की जैविक खुदरा अग्रिम में 22% की वृद्धि हुई.