उपाधियों से परे स्वयं को जानने का प्रयास करें

03 Feb 2024 10:46:45
 
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लॉ कॉलेज रोड, 2 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
प्रत्येक संज्ञा, वह विषय, जिसके माध्यम से हम शब्दों से परिचित होते हैं, वे शब्द, वे संज्ञाएं अंततः एक निश्चित ज्ञान की ओर संकेत करते हैं. अत: ज्ञान की ओर ले जाने वाले शब्दों और संज्ञाओं के मार्ग को स्वीकार करना चाहिए. सारे भेद, विरोध हमें उपाधियों के कारण ही अनुभव होते हैं. स्वयं को जानने का प्रयास करें जो कि उपाधि से परे है, ऐसे विचार जगन्नाथपुरी में श्री गोवर्धन पीठ के प. पू. जगद्गुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती स्वामी महाराज ने रखे.
 
गुरुवार (1फरवरी) को वह ‘वैदिक दर्शन, विज्ञान और व्यवहार' विषय पर धर्मसभा का मार्गदर्शन कर रहे थे. इस कार्यक्रम का आयोजन श्री गोवर्धन पीठ, जगन्नाथपुरी की आदित्य-आनंद वाहिनी द्वारा लॉ कॉलेज रोड स्थित शांति शीला स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में किया गया था. पूज्य शंकराचार्य ने श्रोताओं को प्रश्न एवं शंकाएं पूछने के लिए प्रोत्साहित किया.
 
इसके साथ ही उन्होंने मोक्ष, वेद, उपनिषद, पुराण, शैव, वैष्णव आदि संप्रदाय, पुनर्जन्म, वेदप्रामाण्य, संचित कर्म, फल की अपेक्षा, अवतार अवधारणा जैसे कई शब्दों और अवधारणाओं की व्याख्या की. पंडित वसंतराव गाडगिल ने शंकराचार्य का परिचय दिया. धर्मसभा के बाद प्रसाद का आयोजन किया गया.
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