कात्रज डेयरी के जमीन आरक्षण बदलाव पर सात आपत्तियां और सुझाव

    08-Feb-2024
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katraj  
 
 
पुणे - पुणे जिला दुग्ध उत्पादक संघ के कात्रज डेयरी के कुछ हिस्से का आरक्षण हटाने के संबंध में मनपा प्रशासन को सात आपत्तियां और सुझाव मिले हैं. कांग्रेस मनसे और शिवसेना (ठाकरे गुट) सहित स्थानीय नागरिकों ने आरक्षण हटाने का विरोध किया है. जबकि बीजेपी, एनसीपी के दोनों गुटों और शिवसेना (शिंदे गुट) ने कोई सार्वजनिक भूमिका नहीं निभाई है. कात्रज में दुग्ध उत्पादक संघ की डेयरी की करीब सात एकड़ जमीन पर मनपा की विकास योजना में जमीन का आरक्षण किया गया है.

इस विकास योजना को राज्य सरकार द्वारा २०१७ में मंजूरी भी मिल चुकी है. इस बीच, २०२१ में पालक मंत्री अजीत पवार के पत्र पर, मैदान का आरक्षण हटा दिया गया और वहां डेयरी और परियोजनाओं का आरक्षण करके जिला दुग्ध उत्पादन संघ को प्राधिकरण के रूप में नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई. पिछले महीनों में, शहर सुधार समिति ने आरक्षण परिवर्तन के लिए नागरिकों की आपत्तियां और सुझाव मांगने वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. तदनुसार, ५ जनवरी को एक सार्वजनिक खुलासा किया गया. इन आपत्तियों और सुझावों को दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. मनसे के बाद कांग्रेस ने भी इस आरक्षण को हटाने का विरोध किया है. कांग्रेस शहर अध्यक्ष अरविंद शिंदे ने आपत्ति दर्ज कराई है. युवा सेना के परेश खांडके, विजयकुमार जाधव, बालकृष्ण भोसले ने आरक्षण हटाने पर आपत्ति जताई है. जहां एक ओर एमएनएस, कांग्रेस और शिवसेना ने मैदान आरक्षण हटाने का विरोध किया, वहीं बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना के दोनों गुटों (शिंदे गुट) ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई.

इस इलाके में बीजेपी और एनसीपी के नगरसेवक हैं. इनमें से किसी ने भी आरक्षण हटाने का विरोध नहीं किया. भले ही उपमुख्यमंत्री अजीत पवार आरक्षण हटाने के पक्ष में हैं, लेकिन एनसीपी (शरद पवार गुट) के एक भी अधिकारी या पूर्व नगरसेवक ने इसका विरोध नहीं किया है. वसंत मोरे समेत ८६६ नागरिकों ने किया विरोध आरक्षण बरकरार रखने की मांग को लेकर मनसे नेता वसंत मोरे के नेतृत्व में मानव श्रृखंला आंदोलन चलाया गया. वसंत मोरे समेत ८६६ नागरिकों ने मैदान आरक्षण हटाने का विरोध किया है. जब तक आरक्षण बरकरार रखने का निर्णय मनपा प्रशासन नही करेगा, तबतक विरोध प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी वसंत मोरे ने दी है.