‘नमो महारोजगार मेले' का शरद पवार व सुप्रिया को निमंत्रण नहीं

01 Mar 2024 09:26:13
 
 
sharad
 
 
 
पुणे, 29 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
बदलते सियासी घटनाक्रम के साथ राज्य सहित जिले का माहौल भी गर्माता जा रहा है. एनसीपी और खासकर पवार परिवार में पड़ी फूट के बाद साजिश भी बढ़ गई है और परिवार में बनी ‘खाई' और भी चौड़ी होती जा रही है. ऐन लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार की होम पिच ‘बारामती' में राज्य सरकार द्वारा 2 मार्च को आयोजित ‘नमो महारोजगार मेला' आयोजित किया जायेगा, लेकिन इस कार्यक्रम का निमंत्रण सांसद शरद पवार और सुप्रिया सुले को अभी तक नहीं दिया गया है.
 
साथ ही उन्हें निमंत्रण-पत्र में भी जगह नहीं दी गई है. इस पर शरद पवार न तो विचलित हुए और न ही रोष में आये. किसी की भी आलोचना न करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर कहा- ‘हमें कार्यक्रम में आना अच्छा लगेगा.' साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में आने वाले दोनों डिप्टी सीएम व सभी मंत्रियों को अपने घर पर स्नेह-भोज व चायपान का निमंत्रण देकर ‘राजनीतिक सभ्यता' का पाठ भी पढ़ाया. राज्य सरकार की ओर से 2 मार्च को बारामती में नमो महारोजगार मेला आयोजित किया जायेगा. साथ ही इस अवसर पर बारामती एसटी बस स्टेशन सहित कुछ प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में किया जाएगा. इस मौके पर संबंधित विभागों के मंत्री भी मौजूद रहेंगे. हालांकि, राजनीतिक रूप से और विकास के लिए बारामती का नाम राष्ट्रीय पटल अंकित करने वाले सांसद शरद पवार और स्थानीय सांसद सुप्रिया सुले का नाम निमंत्रण में छपा नहीं है. साथ ही उन्हें आमंत्रित भी नहीं किया गया है. यह चर्चा पूरे जिले में शुरू हो गयी है. यह मामला सामने आने के बाद शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक पत्र भेजा और इसकी 2 प्रतियां उपमुख्यमंत्रियों अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस के कार्यालयों को भी भेजी हैं.
 
इस महारोजगार मेले में मुख्य रूप से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री और पुणे जिले के पालक मंत्री अजीत पवार, सहकारिता मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, कौशल रोजगार उद्यमिता और नवाचार विभाग के मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, विधान परिषद्‌‍ की उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोर्हे उपस्थित रहेंगे. इस सरकारी आयोजन में पुणे जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. शरद पवार ने स्वयं राजशिष्टाचार विभाग को पहले ही स्पष्ट रूप से सूचित किया है कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम में मेरा नाम शामिल न किया जाए. इसीलिए हर सरकारी कार्यक्रम में पवार का नाम नहीं डाला जाता है और यही वजह है कि इस कार्यक्रम में भी उनका नाम दर्ज नहीं किया गया. लेकिन अब प्रशासन की ओर से बताया गया कि निमंत्रण-पत्र फिर से छपवाया जायेगा और उसमें पवार का नाम डाला जाएगा.
 
पवार ने पत्र में क्या लिखा?
 
शरद पवार ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है- आप आधिकारिक यात्रा पर बारामती आ रहे हैं. आगे व्यंग्य कसते हुए पवार ने लिखा- बतौर सांसद मुझे और सुप्रिया सुले को इस कार्यक्रम में उपस्थित रहना अच्छा लगेगा. मैं विद्यानगरी स्थित विद्या प्रतिष्ठान का संस्थापक अध्यक्ष हूं, जहां रोजगार मेला आयोजित किया जा रहा है. अध्यक्ष होने के नाते मैं आपका संस्था में स्वागत करना चाहता हूं और यहां के गेस्ट हाउस में चाय-पानी के लिए आमंत्रित करना चाहता हूं. मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद आप पहली बार बारामती आ रहे हैं और मुझे इस बात की बहुत ख़ुशी है. बारामती स्थित मेरे आवास ‘गोविंदबाग' में आप आतिथ्य भोजन का आनंद लें. पत्र के अंत में पवार ने आशा व्यक्त की है कि आप अनुरोध का सम्मान कर मेरे निमंत्रण को स्वीकार करेंगे.
 
 अजीत पवार खेमे में मची खलबली
 
शरद पवार द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए इस पत्र ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में फूट पड़ने के बाद विधायकों के बड़े समूह के साथ सत्ता में शामिल हुए अजीत पवार और उनके समर्थकों में जबर्दस्त खलबली मच गई है. साथ ही शरद पवार के परिपक्व नेतृत्व, संयमी भूमिका और उदारवादी रुख की राजनीति के हर स्तर से सराहना हो रही है.
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