फायरब्रांड नेता वसंत मोरे ने दिया मनसे से इस्तीफा

13 Mar 2024 11:30:15
 
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पुणे, 12 मार्च ( आज का आनंद न्यूज नेटवर्क )
 
मनसे के फायरब्रांड नेता व पूर्व नगरसेवक वसंत मोरे ने मंगलवार को पार्टी की सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. इस से राजनैतिक क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. पिछले दो सालों से लगातार मौके न मिलते हुए भी मोरे पुणे चुनाव क्षेत्र से लोकसभा की तैयारी कर रहे थे. लेकिन पार्टी के शहर के नेताओं ने लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की ताकत कम है ऐसी रिपोर्ट पार्टी के प्रमुख राज ठाकरे को भेजी. इस वजह से उद्विग्न हो कर मोरे ने मनसे को जय महाराष्ट्र कहा. वसंत मोरे ने पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे को पत्र भेज कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी.
 
पिछले कुछ समय से शहर के नेताओं और पदाधिकारियों द्वारा लगातार मौका नहीं दिया जा रहा है. पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं को ताकत दे कर भविष्य के लिए तैयार करते समय उनको दबाया जा रहा हैं. पदाधिकारियों द्वारा किए जाने वाले गंदी राजनीति से ऊब कर पार्टी की सदस्यता के साथ सभी पदों का इस्तीफा दे रहा हूं, ऐसा मोरे ने पत्र में कहा है. पक्ष के प्रदेश सरचिटणीस के तौर पर काम देखने वाले वसंत मोरे पार्टी की स्थापना से मनसे में हैं. कात्रज इलाके से वे लगातार तीन बार महापालिका में चुन कर गए हैं. उन्होंने पालिका में विपक्ष नेतासहित, गटनेता के तौर पर काम किया है. तीन सालों पहले उन्हें शहराध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. दो साल पहले पार्टी के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मस्जिद के ऊपर लगाए लाउडस्पीकर के खिलाफ भूमिका ली थी.
 
इस भूमिका का विरोध करने से मोरे को शहराध्यक्ष पद से दूर किया गया. उसी वक्त वे पार्टी छोड़ेंगे, ऐसी चर्चा थी. लेकिन राज ठाकरे के मुलाकात के बाद दिलजमाई हो गयी. मोरे के पास पार्टी का महासचिव पद और बारामती लोकसभा चुनाव क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई. पर उसके बाद भी स्थानीय पदाधिकारियों से अच्छे सम्बंध नहीं हैं और इस तरह दूरी बढ़ती गई. इसके बावजूद राज ठाकरे के प्रति आदर रहेगा यह कहते हुए मोरे ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरु की. लेकिन हाल में पार्टी के समीक्षा बैठक के बाद पुणे लोकसभा क्षेत्र का चुनाव लड़ने इतनी पार्टी की ताकत नहीं है. इसलिए पार्टी को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए ऐसी रिपोर्ट पार्टी को भेजी गयी. पार्टी चुनाव न लड़े ऐसा मत रखने की सूचना कुछ पदाधिकारियों ने शाखा प्रमुखों को दी, यह जानकारी मोरे के करीबियों की दी. इससे उद्विग्न हो कर मोरे ने इस्तीफा देने का फैसला लिया.
 
* लोकसभा चुनाव नहीं लडना बेहद दुखदायी ः वसंत मोरे
 
पार्टी के स्थापना से मनसे में काम करने का मौका मिला. पार्टी के विस्तार के लिए महापालिका सभागृह में और बाहर अक्सर संघर्ष किया. लेकिन पार्टी के कुछ लोगों ने लगातार विरोध की भूमिका ली. इस का परिणाम मेरे साथ आए कार्यकर्ताओं को भी भुगतना पड़ा. ऐसी स्थिति में लोकसभा में विरोधी पार्टियों से संघर्ष करने की तैयारी होते हुए भी यहां के पदाधिकारियों ने चुनाव न लड़ने की भूमिका ली, यह बहुत दुखदायी है. इसलिए पार्टी छोड़ने का फैसला लिया. कार्यकर्ताओं से चर्चा करके आगे की भूमिका अगले एक-दो दिनों में बताउंगा.
 
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