पुणे, 18 मार्च (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
(यूनीफाइड डेवलपमेंट कंट्रोल एंड प्रमोशन रेग्युलेशन) अध्यादेश जारी किया है. लोकसभा की आचारसंहिता लागू होने के पहले ही 15 मार्च को यह अध्यादेश जारी किया गया है. यूडीसीपीआर के कारण समाविष्ट गांवों के कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को गति मिलेगी. इसी समय यूडीसीपीआर के कारण गगनचुंबी बिल्डिंग बनाने के लिए पानी सप्लाई, सड़क आदि आधारभूत सुविधाओं के लिए विशेष प्रयत्न करने होंगे. राज्य सरकार ने 2021 में राज्य के स्थानीय स्वराज्य संस्थाओंके लिए यूडीसीपीआर लागू किया है. इसमें किए गए प्रावधानों से शहरी का फैलाव वर्टिकल दिशा में होने में मदद मिलेगी. यूडीसीपीआर के बाद शहर की पुरानी सीमा में तथा 2017 में शामिल किए गए गांवों में गगनचुंबी बिल्डिंगें बनाई जाने लगी है.
यूडीसीपीआर लागू करने पर 2021 में मनपा में समाविष्ट 23 गांवों में यह नियमावली लागू नहीं थी. उल्लेखनीय है कि 23 गांव मनपा में शामिल हो गए हैं फिर भी यहां कंस्ट्रक्शन की परमिशन पीएमआरडीए द्वारा ही दी जाती है. इसके साथ ही इन गांवों का डेवलपमेंट प्लान भी पीएमआरडीए द्वारा ही तैयार किया जाता है. यह डेवलपमेंट प्लान अभी भी राज्य शासन के पास ही है उसे अभी मंजूर नहीं किया गया है. इस प्लान की मंजूरी के पहले ही राज्य सरकार ने यूडीसीपीआर लागू कर दिया है. जिससे इन गावों में कंस्ट्रक्शन को अधिक गति मिलेगी. मनपा में शामिल किए गए 34 गांवों में टैक्स को लेकर भी लोगों में नाराजगी है. इन गांवों में सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है. पिछले कई सालों से इन गांवों में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हुए हैं.
इन बड़ी सोसायटियों को परमिशन देते समय पीएमआरडीए जब तक मनपा पानी सप्लाई की सिस्टम नहीं बनाए तब तक पीने के पानी की व्यवस्था डेवलपर द्वारा की जाए. इस प्रकार का एफिडेविट डेवलपर से लिखवाकर लेता है. पानी सप्लाई योजना के लिए मनपा का प्रयत्न जारी है. इसके बावजूद शहर की चारों दिशाओं में स्थित इन गांवों में पानी सप्लाई योजना बनाने के लिए मनपा को अभी और समय लगेगा. इसके साथ ही 60 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर के लिए जलसंपदा विभाग द्वारा अभी तक भी पानी का कोटा बढ़ाकर नहीं दिया गया है. जिसके कारण समाविष्ट गांवों के नागरिकों लाखों रुपए खर्च कर टैंकर से पानी लेना पड़ता है. इन गांवों की सड़कों के डेवलपमेंट करना भी एक बड़ी समस्या है.