पुणे, 27 मार्च (आ.प्र.)
देश की बड़ी फोर्जिंग कंपनियों में शामिल भारत फोर्ज के चेयरमैन बाबा कल्याणी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पारिवारिक संपत्ति को लेकर उनका अपनी बहन सुगंधा हिरेमठ से विवाद चल रहा है. अब इसमें उनके भांजे और भांजी भी कूद गए हैं. फोर्जिंग उद्योग के दिग्गज नीलकंठ कल्याणी के नाती समीर हिरेमठ और नातिन पल्लवी स्वादी ने अपने मामा बाबा कल्याणी के खिलाफ पुणे सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. वे पारिवारिक संपत्ति में करीब 11 फीसदी हिस्सेदारी मांग रहे हैं. इसमें भारत फोर्ज और कल्याणी स्टील में हिस्सेदारी भी शामिल है.
साथ ही उन्होंने परिवार के पांच लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दायर किया गया है. इनमें समीर हिरेमठ और नातिन पल्लवी स्वादी की मां सुगंधा हिरेमठ, उनके भाई गौरीशंकर कल्याणी, उनके बच्चे शीतल कल्याणी और विराज कल्याणी और बाबा के बेटे अमित कल्याणी शामिल ह्ैं. इस परिवार के पास कितनी संपत्ति है, इसकी वैल्यू का पता नहीं है. परिवार के पास पुणे, महाबलेेशर और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में काफी जमीन है. कल्याणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 62,834 करोड़ रुपये है. हिकल के मालिकाना हक को लेकर पहले ही सुगंधा और बाबा कल्याणी के बीच विवाद चल रहा है. हिकल देश की प्रमुख स्पेशालिटी केमिकल कंपनियोंमें शामिल है. 50 साल के समीर और 48 साल की पल्लवी ने अपनी याचिका में कहा कि फरवरी 2023 में नीलकंठ की पत्नी की मृत्यु के बाद बाबा कल्याणी उनकी वसीयत को लागू नहीं कर रहे ह्ैं. उन्होंने आशंका जताई है कि बाबा कल्याणी परिवार की सभी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लेंगे और बाकी लोगों को संपत्ति से बेदखल कर देंगे. फोर्ब्स के अनुसार 75 साल के बाबा कल्याणी देश के अमीर लोगों में शामिल हैं. उनकी नेटवर्थ करीब चार अरब डॉलर है.
छवि धूमिल करने के उद्देश्य
बाबा कल्याणी व उनके परिवार और उद्योग समूह की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से याचिकाकर्ता ने गलत और निराधार दावा किया है. हम यह स्पष्ट रुप से अमान्य करते हैं. इस प्रकार का लिखित रुप से बयान भारत फोर्ज के प्रवक्ता ने दिया है. याचिकाकर्ता ने 20 मार्च को पुणे कोर्ट में दावा किया था. यह प्रतिवादी को देने के पहले तथा प्रकरण की सुनवाई शुरु होने के पहले ही दावे की प्रति गलत तरीके से मीडिया में देना उचित नहीं है. इससे याचिकाकर्ता का द्वेषपूर्ण उद्देश्य नजर आता है. इनके खिलाफ कोर्ट में पक्ष रखा जाएगा तथा मानहानि के लिए दिवानी और फौजदारी कार्रवाई की जाएगी.