एम्बुलेंस सुविधा के नाम पर राज्य सरकार द्वारा 6 हजार करोड़ का घोटाला

विधायक रोहित पवार का सनसनीखेज आरोप ः कहा- टेंडर रद्द कर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत से इस्तीफा लिया जाए

    02-Apr-2024
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पुणे, 1 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
अपनी पसंद की कंपनी को एम्बुलेंस खरीदने और सेवाएं प्रदान करने का काम देने के लिए राज्य सरकार ने कुछ ही महीनों में अध्यादेश में संशोधन किया. इसमें करीब साढ़े 6 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इसमें स्वास्थ्य मंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. इस टेंडर को रद्द करके स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत से इस्तीफा लिया जाए. एनसीपी शरदचंद्र पवार के विधायक रोहित पवार ने सोमवार को यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में यह मांग की.
 
रोहित पवार ने स्वास्थ्य मंत्री सावंत को इस विषय में आमने-सामने चर्चा करने की चुनौती देकर खलबली मचा दी है.रोहित पवार ने बताया कि राज्य सरकार के माध्यम से 2013 से 108 एम्बुलेंस सेवा प्रदान की जा रही है. पहले यह काम बीवीजी ग्रुप द्वारा किया जाता था. उसके साथ किया हुआ करार खत्म हो गया है. इस बीच, राज्य सरकार ने एम्बुलेंस खरीदने और सेवा देने के लिए अगस्त 2023 में एक अध्यादेश जारी किया. इस सेवा के लिए पिंपरी-चिंचवड़ में स्वच्छता सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी सुमित फैसिलिटीज लिमिटेड को इस सेवा के लिए प्लान तैयार करने का काम दिया गया. दावोस में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सुमित की कंपनी ने काम पूरा करने के लिए एक स्पेनिश कंपनी के साथ करार करके काम हासिल करने की तैयारी की.
 
यह बात ध्यान में आने के बाद, पूरे देश में काम कर चुकी और बाद में कई जगहों पर ब्लैकलिस्ट हो चुकी बीवीजी इंडिया कंपनी ने इस काम को पाने के लिए वरिष्ठ स्तर पर मुलाकातें कीं. इसके चलते सरकार ने गत्‌‍ 15 मार्च को फिर से इस संबंध में अध्यादेश में संशोधन कर इन तीनों कंपनियों को काम देने का फैसला किया. दरअसल, सुमित कंपनी को एंबुलेंस उपलब्ध कराने का कोई अनुभव नहीं है. इस वजह से उसने अनुभवी स्पेनिश कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर किया और अर्हता प्राप्त की है. लेकिन यह स्पेनिश कंपनी अपने देश में ब्लैकलिस्टेड है. दूसरी बात यह है कि जिस सुमित कंपनी को योजना तैयार करने का काम दिया गया था, उसने टेंडर और उसकी शर्तें डाल दीं.
 
इतना ही नहीं, उसने एक स्पेनिश कंपनी के साथ साझेदारी में टेंडर भी भरा और क्वालिफाई भी किया. इससे यह बात साबित हो गई कि जो पेपर सेट करेगा वही पेपर सॉल्व करेगा. पहले और दूसरे अध्यादेश में एंबुलेंस की कीमतें दोगुनी कर दी गई हैं. इसके अलावा सर्विस चार्जेस में भी काफी भिन्नता है. करीब साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये के इस टेंडर में साढ़े 6 हजार करोड़ रुपये तक की दलाली ली गयी है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत ने यह पूरा ताना-बाना बुना. इस फाइल को वित्त मंत्री, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अंत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंजूरी दे दी है. क्या उन्हें यह घोटाला समझ नहीं आया? हमारा आरोप है कि यह घोटाला उनके आशीर्वाद के बिना हो ही नहीं सकता.
 
घोटाले करके ही संपन्न हुए सावंत
इस दलाली का पैसा ही चुनाव में इस्तेमाल किया जाएगा. एक ओर, स्वास्थ्य सेवा चौपट गई है. इलाज के अभाव में गरीब मर रहे हैं, लेकिन मंत्री जी मलाई खा रहे हैं. ‌‘महाराष्ट्र भले ही भिखारी बन जाए, मैं भिखारी नहीं बनूंगा' कहने वाले स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत घोटाले करके ही संपन्न हो गये हैं. रोहित पवार ने कहा कि हम उनके इस्तीफे और इस टेंडर को रद्द करने की मांग करते हैं.