टिकट काटे जाने से विलास लांडे छोड़ेंगे अजीत पवार का साथ ?

    02-Apr-2024
Total Views |

ti 
 
पिंपरी, 1 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
शिरूर लोकसभा क्षेत्र में अजीत पवार गुट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) द्वारा नजरअंदाज किए जाने से भोसरी के पूर्व विधायक विलास लांडे दादा का साथ छोड़ देंगे और शरद पवार के गुट में शामिल हो जायेंगे. ऐसी जानकारी वेिशस्त सूत्रों से पता चली है. इससे शिरूर में एनसीपी में अजीत पवार गुट की बेचैनी बढ़ जाएगी. शिरूर लोकसभा क्षेत्र में महाविकास आघाड़ी ने डॉ. अमोल कोल्हे को उम्मीदवार घोषित किया. हालांकि, पिछले तीन महीने से इस बात पर कोई फैसला नहीं हो पाया कि महायुति सीट शिवसेना (शिंदे सेना), एनसीपी अजीत पवार गुट को देगी या बीजेपी को. इसलिए शिंदे सेना से पूर्व सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल, बीजेपी से विधायक महेश लांडगे, एनसीपी अजीत पवार गुट से विलास लांडे के नामों की चर्चा थी.
 
जब एनसीपी में फूट पड़ी तो विलास लांडे ने अजीत पवार का हाथ थाम लिया. उन्हें यकीन था कि उन्हें शिरूर लोकसभा से टिकट मिलेगा. हालांकि, दूसरी बार लांडे को निराशा हाथ लगी. लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव होंगे. भोसरी विधानसभा में वर्तमान विधायक महेश लांडगे हैं. इसलिए, लांडे के पास महायुति से कोई मौका नहीं है. इसलिए वे शरद पवार साहेब गुट में जा सकते हैं. लांडे का राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल से करीबी रिश्ता है. साथ ही लांडे के घर में शरद पवार की तस्वीर है. तो फिर लांडे, जिन्हें नजरअंदाज किया गया है, क्या निर्णय लेंगे? इस बारे में लोगों में काफी उत्सुकता है. शिरूर लोकसभा क्षेत्र में चर्चा है कि वे दादा का साथ छोड़कर साहेब का हाथ थामने वाले हैं.
 
दो बार टिकट कटने से दुखी
2019 के लोकसभा चुनाव में शिरूर से लांडे की उम्मीदवारी तय मानी जा रही थी. हालांकि आखिरी चरण में अजीत पवार ने डॉ. अमोल कोल्हे को टिकट दिया. फिर भी लांडे ने कोल्हे का काम किया. फिर 2024 की चुनावी लड़ाई शुरू होने के बाद लांडे एनसीपी की ओर से इच्छुक थे. हालांकि दो बार उनका टिकट कटने से उनके समर्थक नाखुश हैं.