रिंग रोड के लिए विवाद में फंसी कंपनियां भी मैदान में

टेंडर के विवाद में फंसने की आशंका : 70 प्रतिशत से अधिक भूमि अधिग्रहण हो चुकी

    25-Apr-2024
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पुणे, 23 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ शहरों में ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) द्वारा शुरू की गई रिंग रोड परियोजना के लिए कुल बारह कंपनियों ने निविदाएं प्रस्तुत की हैं. इसमें वे कंपनियां भी शामिल हैं जो कथित चुनावी बांड धोखाधड़ी मामले में आगे आई हैं. इसलिए इस टेंडर के चर्चा का विषय बनने की संभावना जताई जा रही है. पीएमआरडीए ने रिंग रोड का काम पूर्व और पश्चिम दो चरणों में शुरू किया है. इस सड़क की कुल लंबाई 122 किलोमीटर है और चौड़ाई करीब 110 मीटर होगी. इसमें पूर्वी रिंग रोड 71.35 किलोमीटर और पश्चिमी रिंग रोड 65.45 किलोमीटर लंबी है. पश्चिमी क्षेत्र में रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण लगभग 80 फीसदी है. इस सड़क का काम जल्द शुरू करने के लिए 5 चरण यानी 5 बनाए गए हैं. वहीं ईस्ट रिंग रोड रूट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम भी तेजी से चल रहा है.
 
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दोनों चरणों के बीच अब तक रिंग रोड का 70 प्रतिशत से अधिक भूमि अधिग्रहण हो चुका है. इस रिंग रोड के 9 चरणों के काम को पूरा करने के लिए एक ठेकेदार कंपनी की नियुक्ति के लिए मनपा द्वारा निविदा प्रक्रिया लागू की गई थी. टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि 16 अप्रैल थी. यह अवधि हाल ही में समाप्त हो गई है.इस बीच रिंग रोड के काम के लिए 12 कंपनियों ने टेंडर डाला है, जिसमें भारतीय कंपनियों के साथसाथ विदेशी कंपनियों ने भी इस काम के लिए टेंडर डाला है. एमएसआरडीसी द्वारा प्रस्तुत निविदाओं की जांच प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. इस बीच जिन कंपनियों ने रिंग रोड के काम के लिए टेंडर डाला है. इसमें मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी और एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियां भी शामिल हैं. जिनका नाम कथित चुनावी बांड गबन मामले में सामने आया है, जो इस समय देशभर में चर्चा में है.
 
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