मतदाता सूची में गड़बड़ी से लोगों में गुस्सा

मावल व शिरूर में वोट देने से वंचित रह गए कई मतदाता

    14-May-2024
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पिंपरी, 13 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
मतदाता सूची में विभिन्न त्रुटियों सहित नामों से संबंधित गड़बड़ियां इस साल भी बरकरार रहीं, जिसकी वजह से सोमवार को वोटिंग के दौरान मतदाताओं को सूची में अपना नाम ढूंढने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. यहां तक कि, कई लोगों के नाम सूची से गायब पाये गए. इससे मतदाताओं में आक्रोश देखा गया. इन गड़बड़ियों के कारण अनेक लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह जाना पड़ा. पिछले 5 वर्षों के दौरान इसी प्रकार की गड़बड़ियों के कारण अनेक मतदाताओं को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान से वंचित रहना पड़ा. लोगों को उम्मीद थी कि अब तक उन गड़बड़ियों को ठीक कर लिया गया होगा और इस बार किसी को अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचिन नहीं होना पड़ेगा, लेकिन लोगों की आशाओं पर इस बार भी पानी फिर गया.
 
 
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आशंका जतायी जाने लगी है कि मतदाता सूची में मौजूद इन गलतियों के कारण आगामी मनपा चुनाव में भी कई मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रहना पड़ सकता है, जिससे लोगों में आक्रोश की स्थिति है. शिरूर लोकसभा क्षेत्र के भोसरी में सावित्रीबाई फुले प्राथमिक विद्यालय स्थित मतदान केंद्र पर मतदाता सूची में नाम नहीं होने से मतदाताओं में असमंजस और आक्रोश की स्थिति रही. इस केंद्र पर नाम सूची में नहीं होने के कारण कई मतदाताओं को मतदान से वंचित होना पड़ा. यही हाल श्री शिवाजी महाराज विद्यालय और राजमाता जिजाऊ कॉलेज मतदान केंद्र पर भी देखने को मिला. यहां भी मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण अनेक मतदाता मतदान से वंचित रह गए.
 
 
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‘स्पेलिंग मिस्टेक' ने छीना मताधिकार!
वोटर लिस्ट में नामों की स्पेलिंग में भी गलतियां पायी गईं, जिसकी वजह से कई लोगों के मताधिकार छिन गए. सूची में पहला और दूसरा नाम सही होने के बावजूद कई मतदाताओं को सिर्फ इसलिए वोट देने से वंचित कर दिया गया क्योंकि उनके उपनाम की ‌‘स्पेलिंग में मिस्टेक' थी. सूची में किसी के उपनाम को जाधव से जाधववर, तो किसी के मोरे उपनाम को मिरे कर दिया गया था. कई लोगों के उपनाम शेख को शीख कर दिया गया था. सिर्फ इस वजह से इन तमाम लोगों को उनके मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित कर दिया गया. इसी तरह की तथा कई अन्य गंभीर त्रुटियों के कारण मतदाताओं के नाम सूची में नहीं मिल पाने के कारण भ्रम की स्थिति रही. कई केंद्रों पर इन वजहों से विवाद और मतदाताओं में आक्रोश की स्थिति भी देखी गई.
 
मतदाता सहायता कक्ष भी काम न आए
सावित्रीबाई फुले स्कूल लांडेवाड़ी, राजमाता जिजाऊ शिक्षा प्रसारक मंडल सहित विभिन्न मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को अपना नाम ढूंढ़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इन हालात में मतदान सहायता कक्षों से भी कोई मदद नहीं मिली, जिसके बाद लोगों को राजनीतिक दलों के बूथ पर जाकर उनके कार्यकर्ताओं से नाम ढूंढने और वोट डालने में मदद लेनी पड़ी.
 
मोबाइल साथ लाने वाले भी हुए परेशान
चुनाव आयोग ने स्थानीय स्तर पर मतदाताओं को मोबाइल फोन नहीं लाने की हिदायत दी थी, लेकिन मतदाताओं ने इसे अनसुना कर दिया. अपने साथ मोबाइल लाने वाले कई मतदाताओं को मतदान केंद्र के गेट के बाहर धूप में इंतजार करने को कहा गया, जिससे तंग आकर कई मतदाता बिना वोट दिये ही अपने घरों को लौट गए और फिर वापस मतदान केंद्रों पर नहीं आए.