मावल में कम मतदान से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

वोटिंग घटने से प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ी : श्रीरंग बारणे व संजोग वाघेरे द्वारा अपनी-अपनी जीत का दावा

    15-May-2024
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पिंपरी, 14 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
पिछली बार के लोकसभा चुनाव यानी 2019 की तुलना में इस बार मावल लोकसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत लगभग 5 प्रतिशत कम हो गया है. इससे इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इससे किसे फायदा मिलेगा और किसे नुकसान उठाना पड़ेगा. इस संसदीय सीट पर दो बार के सांसद रहे शिवसेना महायुति के श्रीरंग बारणे व शिवसेना (यूबीटी) महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार संजोग वाघेरे के बीच सीधी टक्कर थी. मतदान का प्रतिशत कम होने से प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ गई है. निर्वाचन विभाग ने मावल लोकसभा क्षेत्र के 6 विधानसभा क्षेत्रों में हुए कुल मतदान के आधिकारिक आंकड़ों की घोषणा कर दी है. पिछली बार यानी 2019 में 22 लाख 98 हजार 130 मतदाताओं में से 13 लाख 69 हजार 456 मतदाताओं ने मतदान किया था. प्रतिशत 59.59 रहा. इस समय कुल 25 लाख 85 हजार 18 मतदाताओं में से 14 लाख 18 हजार 439 यानी 54.87 मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया है.
 

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प्रतिशत के हिसाब से करीब 5 फीसदी की कमी आई है. पांच साल में कुल मतदाताओं में 1 लाख 87 हजार मतदाता बढ़े हैं, लेकिन असल में वोटिंग का प्रतिशत कम है. पनवेल और चिंचवड़, दो बड़े विधानसभा क्षेत्र पारंपरिक रूप से भाजपा गढ़ माने जाते हैं.दोनों बड़े क्षेत्रों में करीब 6 लाख मतदान हुआ है. महायुति के श्रीरंग बारणे को इन दो बड़े निर्वाचन क्षेत्रों से उम्मीद है. अन्य 4 क्षेत्रों में 8 लाख वोट डाले गए हैं और यहीं पर वाघेरे की संभावना बढ़ गई है. अगर वंचित बहुजन आघाड़ी की उम्मीदवार माधवी जोशी किसके वोटों में सेंध लगाती हैं तो यह वाघेरे के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में उनके कार्यकर्ता नजर नहीं आये और मतदाताओं तक उनका चुनाव-चिह्न (ऑटोरिक्शा) नहीं पहुंचा. कम वोटिंग का फायदा किसे होगा यह तो चुनाव परिणाम के दिन 4 जून को ही पता चलेगा. फिलहाल तो इस कम मतदान ने महायुति व आघाड़ी दोनों की टेंशन बढ़ा दी है.
 
कर्जत में बारणे और वाघेरे के बीच कांटे की टक्कर
उरण शेकाप के प्रभुत्व वाला क्षेत्र है और वहां ठाकरे की शिवसेना का दबदबा कायम है. संजोग वाघेरे को वहां बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला. अनुमान है कि वहां 67 फीसदी वोटिंग हो चुकी है और इसका फायदा वाघेरे को मिलेगा. कर्जत में बारणे और वाघेरे के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है. चूंकि मावल भाजपा का पारंपरिक गढ़ है और विधायक सुनील शेलके और पूर्व मंत्री बाला भेगड़े ने पूरे दिल से बारणे का समर्थन किया, इसलिए कहा जा रहा है कि बारणे वहां भी वाघेरे से अधिक वोट हासिल करेंगे. पिंपरी के विधायक अन्ना बनसोड़े शुरुआत में वाघेरे के समर्थन में थे और अंतिम चरण में बारणे का साथ दिया. पिंपरी में बारणे और वाघेरे का मुकाबला बराबरी पर रहने की उम्मीद है.