पुणे, 25 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
कल्याणीनगर ड्रंक एंड ड्राइव मामले में नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने ड्राइवर गंगाधर हेरीक्रूब को एक दिन घर में कैद करके रखा था. ड्राइवर की पत्नी ने कहा कि वह दो दिनों से काफी दबाव में था. घटना के बाद विशाल अग्रवाल ने गंगाधर हेरीक्रूब को फोन करके कहा कि ‘यह मामला तू अपने ऊपर ले ले, तुझे अच्छा इनाम मिलेगा'. इसके बाद पुलिस नाबालिग आरोपी और ड्राइवर को लेकर पुलिस स्टेशन गई थी. उस समय भी अग्रवाल पिता-पुत्र (सुरेंद्र कुमार अग्रवाल-विशाल अग्रवाल) ने उस पर दबाव डालकर कहा कि गाड़ी तू चला रहा था' ऐसा बयान पुलिस को दे. इस दबाव के चलते ड्राइवर ने यह बयान दिया कि गाड़ी वह चला रहा था लेकिन पुलिस अधिकारी और प्रत्यक्षदर्शियों ने इस बयान को खारिज कर दिया. यह जानकारी पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने दी. पोर्शे कार से दो लोगों को कुचल देने के मामले में आरोपी को बचाने के लिए आरोपी के परिजनों ने हर संभव तरीका अपनाया था. गंगाधर शिवराज हेरीक्रुब (उम्र-42 वर्ष, निवासी-केसनंद पुणे) ने यह पूरी घटना पुलिस को बताई है. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि घटना के बाद नाबालिग लड़के और ड्राइवर को लेकर पुलिस येरवड़ा पुलिस स्टेशन लेकर आई थी. उस समय अग्रवाल परिवार के लोग वहां आए और उन्होंने गंगाधर को ‘गाड़ी मैं चला रहा था' बयान देने के लिए कहा. इस दबाव में ड्राइवर गंगाधर ने यह बयान दिया था लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने यह प्रयास विफल कर दिया. पुलिस की जांच में गाड़ी का ड्राइवर बदलने का प्रयास किया गया यह भी सामने आया है. घटना के दूसरे दिन ड्राइवर गंगाधर को येरवड़ा पुलिस स्टेशन से घर जाते समय सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने येरवड़ा पुलिस स्टेशन के बाहर उसे बुलाया और धमकी देकर जबर्दस्ती बीएमडब्ल्यू कार में बैठा लिया. ब्रह्मा सनसिटी स्थित बंगले में ले गए.

वहां सुरेद्र कुमार अग्रवाल और विशाल अग्रवाल ने एकमत होकर ड्राइवर को धमकाया और उसका मोबाइल छीन लिया और घर के एक कमरे में बंद कर दिया.आरोपियों ने उसे धमकाया कि न तो किसी से बात करनी है और न ही कहीं जाना है, पुलिस को भी वही बयान देना है जो हम बताएंगे. यह इल्जाम तू अपने सिर पर ले ले. हम तुझे गिफ्ट देंगे. यह लालच दोनों ने उसे दिया. इसके बावजूद गंगाराम उनकी सुनने के लिए तैयार नहीं था. इस पर अग्रवाल पिता-पुत्र ने उसे देख लेने की धमकी दी. पत्नी के शोर मचाने से बाप-बेटे के चंगुल छूटा गंगाधर विशाल अग्रवाल और सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने ड्राइवर गंगाधर को अपने घ्ार में कैद करके रखा था. उसका मोबाइल फोन भी छीन लेने से वह अपने घर संपर्क नहीं कर सका. जब पति घर नहीं आया तो दूसरे दिन गंगाधर की पत्नी अग्रवाल के घर गई लेकिन अग्रवाल परिवार ने गंगाराम को छोड़ने से इंकार कर दिया तो उसकी पत्नी ने शोर मचाना शुरु कर दिया.

इसके कारण अग्रवाल परिवार ने गंगाधर को छोड़ दिया. पुलिस ने गुरुवार 23 मई को उसका बयान दर्ज कर लिया. इसकी जांच करने के बाद पुलिस ने सुरेंद्र कुमार अग्रवाल के साथ ही विशाल अग्रवाल पर ड्राइवर की रिपोर्ट के अनुसार धारा 342, 365 और 368 के तहत अपहरण, धमकी और कैद करने के आरोप के में सुरेंद्र कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. बंगले पर छापा मारकर कपड़े जब्त पुणे पुलिस ने अग्रवाल के ब्रह्मा सनसिटी वडगांव शेरी स्थित बंगले पर छापा मारकर पंचनामा किया. ड्राइवर को बंगले को किस कमरे में कैद करके रखा था, अपहरण के लिए कौनसी गाड़ी का उपयोग किया गया था, ड्राइवर ने कंपनी के जो कपड़े पहने हुए थे वे भी बंगले से जब्त किए गए.
ड्राइवर ने कहा- मैं गाड़ी नहीं चला रहा था
विशाल अग्रवाल ने कोर्ट में दावा किया था कि एक्सीडेंट के समय उसका बेटा नहीं ड्राइवर गाड़ी चला रहा था लेकिन एक्सीडेंट के समय उसका बेटा ही गाड़ी चला रहा था. यह कबूलनामा ड्राइवर ने दिया है. इस पूरे मामले में मेरी कोई गलती नहीं है. विशाल अग्रवाल ने लालच देकर मुझ पर दबाव डाला था इसलिए लिए घबराकर मैंने वह बयान दिया था. यह जानकारी पुलिस को हो गई थी. अग्रवाल परिवार ने मुझे कमरे में कैद कर के रखा था. जिसका गंगाराम को बहुत ही मानसिक आघात पहुंचा है. यह पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा है.
ड्राइवर को मिली सिक्योरिटी
अग्रवाल परिवार से ड्राइवर गंगाधर हेरीक्रूब को खतरा होने के कारण उसे सिक्योरिटी उपलब्ध कराई गई है. यह सुरक्षा उसे इंडियन एविडेंस एक्ट के अनुसार दी गई है.
कार में कितने लोग थे उसकी जांच शुरु
दुर्घटना वाले दिन कार में कुल कितने लोग थे, इसकी जांच की जा रही है. प्राथमिक जांच में कार में चार लोगों के होने की जानकारी मिली है. नाबालिग आरोपी के साथ जो दो लड़के थे उनके संपर्क में पुलिस है तथा उनके नाबालिग होने के कारण उन्हें पुलिस स्टेशन में नहीं बुलाया गया है. लेकिन उनके घर जाकर पूछताछ की जा रही है, सीसीटीव फुटेज के माध्यम से कार में कुल कितने लोग थे इसकी जांच की जा रही है.
सीन रिक्रिएट किया गया
घटना के दिन क्या-क्या हुआ. नाबालिग घर से बाहर कब निकला, कहां- कहां गया और उसने क्या किया, उसे कौन-कौन मिला, इस पूरी घटना का सीन रिक्रिएट किया जा रहा है.