भोसरी, 28 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
आरटीआई में सामने आए भ्रष्टाचार के मामले पर संज्ञान लेते हुए महावितरण प्रशासन ने तलवड़े शाखा के इंजीनियर रमाकांत गर्जे को निलंबित कर दिया. कमाल की बात यह है कि भ्रष्टाचार के आरोपी गर्जे के समर्थन में महावितरण कर्मचारी यूनियन खुल कर उतर आया है. यूनियन ने आरोपी गर्जे का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए भोसरी में धरनाप्रदर्शन किया. महावितरण के भोसरी प्रभाग कार्यालय पर यूनियन के इस धरने से आम लोगों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ. वहीं, लोगों ने यूनियन द्वारा एक भ्रष्ट कर्मचारी का समर्थन किये जाने पर हैरानी के साथ आक्रोश भी जताया. धरना प्रदर्शन के कारण कार्यपालक अभियंताओं का कार्यालय से बाहर निकलना मुश्किल हो गया. सुरक्षा गार्डों ने आम लोगों को कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया, जिससे उनका कामकाज बाधित हुआ. महावितरण प्रशासन ने हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोप में तलवडे शाखा के इंजीनियर रमाकांत गर्जे को निलंबित कर दिया. भ्रष्ट कर्मचारी के समर्थन में इस प्रकार यूनियन द्वारा धरना प्रदर्शन किये जाने पर नागरिकों ने कड़ी आपत्ति जताई है.
क्या है रमाकांत गर्जे के भ्रष्टाचार का पूरा मामला
महावितरण के भोसरी विभागीय कार्यालय ने तलवड़े में एक इमारत के लिए 40 घरेलू एवं कारोबारी बिजली कनेक्शन के लिए 127 किलोवाट बिजलीभार स्वीकृत किया था. इसके लिए महावितरण की एनएससी योजना के तहत 100 केवीए ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाकर वहां पर 200 केवीए का ट्रांसफार्मर लगाने का बजट स्वीकृत किया गया, लेकिन इससे पहले ही तलवड़े शाखा अभियंता गर्जे ने 40 बिजली कनेक्शनों में से 22 पर बिजली मीटर स्थापित कर दिया. इन सभी मामलों में रमाकांत गर्जे ने भारी भ्रष्टाचार किया, जिनमें अधिकारों का दुरुपयोग, महावितरण को वित्तीय नुकसान पहुंचाना, मिलीभगत से बिजली कंपनी के हितों को नुकसान पहुंचाना और सबसे महत्वपूर्ण बात, नागरिकों एवं ग्राहकों के की जान को जोखिम में डालते हुए बिजली कनेक्शन देने जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं.
महावितरण ने मामला खुलते ही की कार्रवाई
आरटीआई से मिली जानकारी से पता चला कि ग्राहकों के सेवा कनेक्शन शुल्क, अमानत राशि और स्वीकृत भार में विसंगतियां थीं तथा 40 कनेक्शन के लिए वसूले गए शुल्क और वास्तविक राशि में भी हेराफेरी कर तलवड़े शाखा इंजीनियर रमाकांत गर्जे ने लगभग 5 लाख रुपये का गबन किया था. मामला खुलकर सामने आते ही महावितरण ने कार्रवाई करते हुए तलवड़े शाखा अभियंता रमाकांत गर्जे को निलंबित कर दिया. वहीं, महावितरण कर्मचारी यूनियन द्वारा भ्रष्ट गर्जे के समर्थन में धरना प्रदर्शन करते हुए निलंबन वापस लेने की मांग किये जाने पर लोग हैरानी जता रहे हैं.
शिवसेना (ठाकरे) नेता ने किया मामले का खुलासा
महाचितरण कर्मचारी रमाकांत गर्जे के भ्रष्टाचार का खुलासा एक शिवसेना (ठाकरे) नेता के कारण संभव हुआ. पिंपरी-चिंचवड़ इलेक्ट्रिकल्स कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के सचिव और शिवसेना (ठाकरे) विभाग प्रमुख नितिन बोंडे ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिए भ्रष्टाचार के इस मामले को उजागर किया था. चूंकि भ्रष्टाचार शाखा अभियंता रमाकांत गर्जे ने किया था, इसलिए बोंडे ने मांग की कि गर्जे को तत्काल सेवा से बर्खास्त करते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए.
आंदोलन में शामिल कर्मचारियों का वेतन काटा जाए
पिंपरी-चिंचवड़ इलेक्ट्रिकल्स कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष सौंदनकर ने कहा कि महावितरण कर्मचारी यूनियन द्वारा भ्रष्ट कर्मचारी के समर्थन में इस प्रकार विरोध प्रदर्शन करना खुलेआम भ्रष्टाचार का समर्थन करना है. बिना किसी पूर्व सूचना के इस धरना प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों और अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटा जाए. इसके साथ ही महावितरण के सभी भ्रष्ट कर्मचारियों व अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.