पवना की अपेक्षा इंद्रायणी नदी का पानी अधिक दूषित

जल शुद्धिकरण के लिए प्रतिवर्ष 7 करोड़ खर्च

    06-May-2024
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पिंपरी, 5 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
पिंपरी-चिंचवड़ शहर को मावल के पवना और आंद्रा बांधों से पानी की आपूर्ति की जाती है. मनपा पवना नदी और इंद्रायणी नदी से पानी एकत्रित कर उसे शुद्ध कर नागरिकों को वितरित करता है. हालाँकि, चूंकि इंद्रायणी नदी का पानी पवना से भी अधिक प्रदूषित है, इसलिए मनपा को पानी को साफ और शुद्ध करने के लिए सालाना करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. शहर में पिछले साढ़े चार साल से जलापूर्ति हो रही है. शहर को 615 एमएलडी (मिलियन लीटर) पानी की आपूर्ति की जाती है, मावल में पावना बांध से 510 एमएलडी, पहले चरण में आंद्रा बांध से 85 और एमआईडीसी से 20 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जाती है. पवना बांध से छोड़ा गया पानी रावेत के बांध से लेकर प्राधिकरण के जलशोधन केंद्र में ले जाया जाता है, जबकि आंद्रा डैम से पानी इंद्रायणी नदी में छोड़ा जाता है और निघोजे बांध से चिखली जलशुद्धिकरण प्लांट में ले जाया जाता है.
 
वहां अशुद्ध पानी का शोधन कर नहरों के माध्यम से शहर में पानी पहुंचाया जा रहा है.पवना नदी से आने वाला पानी साफ है, इसलिए मनपा 510 एमएलडी पानी को साफ और शुद्ध करने के लिए सालाना 10 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. वहीं आंद्रा डैम में शहर के लिए 100 एमएलडी पानी आरक्षित है. पहले चरण में मनपा 85 एमएलडी पानी उठा रही है. यह पानी शहर के लिए इंद्रायणी नदी में छोड़ा जाता है. चूंकि इंद्रायणी नदी का पानी अत्यधिक प्रदूषित है, इसलिए शुद्धिकरण के लिए अधिक रसायनों और पाउडर का उपयोग करना पड़ता है. इसलिए इंद्रायणी के पानी को शुद्ध करने के लिए मनपा के जल आपूर्ति विभाग को सालाना करीब 7 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं. दरअसल, भले ही मनपा पवना की तुलना में इंद्रायणी से चार गुना कम पानी ले रही है, लेकिन शुद्धिकरण पर बड़ी रकम खर्च की जा रही है.
 
रसायनयुक्त पानी सीधे नदी पाट में
पवना नदी के दोनों किनारों पर कुछ गांव हैं, लेकिन कृषि की मात्रा भी अधिक है. अतः इस क्षेत्र में कारखानों या कंपनियों की संख्या नगण्य होने के कारण नदी का जल प्रदूषित नहीं होता है. हालांकि, इंद्रायणी नदी क्षेत्र में बड़ी संख्या में कंपनियां हैं. लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि इन कंपनियों के संचालक रसायन मिश्रित पानी को बिना उपचार किए सीधे नदी तल में बहा रहे हैं. पवना की तुलना में इंद्रायणी नदी में अक्सर झाग बनता है. इसलिए अधिकारी कह रहे हैं कि इंद्रायणी नदी से लिए गए 85 एमएलडी पानी को शुद्ध करने के लिए 7 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं.
 
पवना डैम से हर दिन 510 एमएलडी पानी लिया जा रहा

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पवना बांध से शहर के लिए प्रतिदिन 510 एमएलडी पानी लिया जा रहा है. इस पानी को शुद्ध करने के लिए मनपा द्वारा प्रति वर्ष 10 करोड़ और आंद्रा बांध से छोड़ा जाने वाला 85 एमएलडी पानी इंद्रायणी नदी पर बने आउटलेट बांधों से लिया जाता है. इस पानी को शुद्ध करने के लिए सालाना कुल 7 करोड़ 17 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं.
                                                                                                         -श्रीकांत सवणे, मुख्य अभियंता, जलप्रदाय विभाग