बाबा कल्याणी को संपत्ति बेचने की अनुमति न मिले

08 May 2024 13:51:50

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शिवाजीनगर, 7 मई (आ.प्र)
 
शहर के नामी उद्योगपति बाबा कल्याणी के भतीजे समीर हिरेमठ और भतीजी पल्लवी स्वादी ने सोमवार 6 मई को सुनवाई के दौरान पुणे कोर्ट से आग्रह किया कि उनके कारोबारी चाचा बाबा कल्याणी को अपनी पारिवारिक संपत्ति बेचने की अनुमति न दी जाए. इसके बाद कोर्ट ने बाबा कल्याणी को 9 मई तक अपना पक्ष दाखिल करने को कहा है. दोनों भाई-बहनों ने अपने मुकदमे में अदालत से यह आग्रह किया है कि वे बाबा कल्याणी को ‌‘एचयूएफ' (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) के नियम के अनुसार संपत्तियों में बिक्री, ट्रांसफर या डीलिंग करने से रोकें. दोनों ने अपने वकील के माध्यम से अपने पक्ष रखे और कोर्ट से यह भी आग्रह किया कि वे इस मुकदमे की सुनवाई और अंतिम निपटाने तक, एक कोर्ट रिसीवर नियुक्त करें ताकि वे एचयूएफ के अंतर्गत आने वाली प्रॉपर्टीज की सुरक्षा करें.
 
भाई-बहन के वकील एड. शैलेन्द्र अगलावे ने अंतरिम राहत की मांग करते हुए कोर्ट में एक आवेदन दायर किया. जिसमें लिखा गया है कि डिफेन्डेंट्स को नोटिस प्राप्त हुए हैं. हालांकि, वे अपना लिखित बयान दाखिल करने में देरी कर रहे हैं, जिसका कारण उन्हें ही पता है और वह गर्मी की छुट्टियों का फायदा उठा सकते हैं और एचयूएफ के स्वामित्व वाली प्रॉपर्टीज को बेचने का प्रयास कर सकते हैं. इसलिए कोर्ट को उन्हें प्रॉपर्टीज को बेचने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. इस पर बाबा कल्याणी के वकील ने कहा कि वे 9 मई तक अपना पक्ष पेश करेंगे.
 
मुकदमा परिवार के 5 अन्य सदस्यों के खिलाफ भी दायर
मुकदमे में भाई-बहन ने यह भी स्पष्ट किया कि कल्याणी ग्रुप के तहत सभी संपत्ति का स्वामित्व किसी एक सदस्य के पास नहीं बल्कि संयुक्त परिवार के पास है. इस दौरान दोनों ने कल्याणी ग्रुप में अपने हिस्से के रूप में भारत फोर्ज और कल्याणी स्टील में हिस्सेदारी सहित पारिवारिक संपत्ति का नौवां हिस्सा भी मांगा. यह मुकदमा परिवार के 5 अन्य सदस्यों के खिलाफ भी दायर किया गया है, जिनमें उनकी मां सुगंधा हिरेमठ , उनके भाई गौरीशंकर कल्याणी, उनके बच्चे - शीतल कल्याणी, विराज कल्याणी और बाबा के बेटे अमित कल्याणी शामिल हैं.
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