शिवसेना शिंदे गुट को नहीं मिला उचित सम्मान : बारणे

एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी दल के साथ ‌‘अन्याय" होने पर मावल के सांसद नाराज

    11-Jun-2024
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पिंपरी, 10 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
नई दिल्ली में एनडीए की नई सरकार का गठन हुए 24 घंटे भी नहीं बीते कि मंत्री पद को लेकर इसके घटक दलों में बवाल शुरू हो गया है. केंद्र में नई सरकार के गठन में शिवसेना शिंदे गुट को मात्र एक राज्यमंत्री पद मिलने और रविवार को हुए शपथग्रहण समारोह में ‌‘उचित सम्मान नहीं दिये जाने' व भेदभाव किये जाने को लेकर मावल लोकसभा क्षेत्र से शिंदे गुट के सांसद श्रीरंग बारणे ने गहरी नाराजगी प्रकट की है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सबसे पुरानी सहयोगी होने के नाते शिवसेना (शिंदे गुट) को एक कैबिनेट मंत्री पद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उसे केवल एक राज्यमंत्री पद मिला और उसका शपथग्रहण 35वें क्रम पर हुआ.
 
इसे ‌‘अन्य सहयोगी दलों के मुकाबले शिंदे गुट के साथ अन्याय' करार देते हुए मावल से शिंदे गुट के सांसद श्रीरंग बारणे ने गहरी नाराजगी जतायी है. केंद्र में नई सरकार के शपथग्रहण समारोह के 24 घंटे के अंदर ही एनडीए के घटक दलों में बवाल शुरू होने से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. सांसद बारणे ने कहा कि एनडीए की सबसे पुरानी सहयोगी है शिवसेना (शिंदे गुट), इसलिए पूरी उम्मीद थी कि हमें कैबिनेट मंत्री पद मिलेगा. इस बार चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के 16, नीतीश कुमार के 12 और शिंदे गुट के 7 सांसद चुने गए हैं. 5 सांसद चुने जाने पर चिराग पासवान को कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया. कुमारस्वामी के 2 सांसद कर्नाटक से चुने गए. उन्हें भी कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया.
 
यही नहीं, बिहार से जीतनराम मांझी अपनी पार्टी के अकेले सांसद चुने गए, उन्हें भी कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है. हमें उम्मीद थी कि शिंदे गुट को कम से कम एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री पद मिलेगा, लेकिन हमें सिर्फ एक राज्यमंत्री पद दिया गया और उस पर भी उनका शपथग्रहण 35वें स्थान पर कराया गया. सांसद बारणे ने कहा कि हमें खुशी होती, अगर हमारी पार्टी के प्रताप जाधव कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेते. बारणे ने कहा, केंद्रीय कैबिनेट में मंत्रीपद बंटवारे में हमारे साथ न्याय किये जाने की उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हुई. हमने मांग की है कि हमें एक कैबिनेट मंत्री पद मिले. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस संबंध में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से बात करने का अनुरोध किया गया है. भाजपा ने महाराष्ट्र में 28 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल 9 सीटों पर उसके उम्मीदवार जीते, जबकि शिंदे गुट ने 15 सीटों में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की. यह काफी अच्छा अनुपात है. हमें लगता है कि अन्य सहयोगी दलों के मुकाबले हमारे साथ भेदभाव का बर्ताव किया गया है, जो उचित नहीं है.
 
उपमुख्यमंत्री अजित पवार की तरफदारी
इस दौरान सांसद बारणे ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों की बात उठाते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की भी खुलकर तरफदारी की. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव आनेवाले हैं, इसलिए बीजेपी को चाहिए कि वह शिवसेना शिंदे गुट के साथ ही अजीत पवार की एनसीपी को भी उचित एवं ‌‘न्यायपूर्ण' स्थान दे. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बीजेपी के लिए बड़ा ‌‘त्याग' करते हुए अपने परिवार की नाराजगी मोल ली. उन्होंने अजित पवार की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि बीजेपी को उन्हें न्याय देना चाहिए. सांसद बारणे ने कहा कि इसके अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज के उत्तराधिकारी उदयनराजे भोसले तीसरी बार सांसद बने हैं. उनका भी सम्मान होना चाहिए, लेकिन मंत्री पद किसे दिया जाए, यह बीजेपी का आंतरिक मामला है. उधर, राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी गर्म है कि सांसद बारणे इसलिए भी काफी नाराज बताए जा रहे हैं क्योंकि लगातार तीसरी बार सांसद चुने जाने के बावजूद मंत्रीपद के लिए उनका नाम तक नहीं लिया गया.