जिल-हिज्जा का महीना बड़ी फजीलतों वाला है

    14-Jun-2024
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इस्लामी कैलेंडर के बारहवें और आखिरी महीने को जिल-हिज्जा का महीना कहा जाता है. यह महीना बड़ी बरकतों वाला है. इसी महीने में दुनिया के तमाम मुसलमान हज यात्रा करते हैैं. (इस महीने की 9 तारीख को अराफा के दिन के रूप में जाना जाता है, और इस महीने के दसवें दिन हज का दिन भी है और ईदुल अजहा भी है.) इसके अलावा इसी महीने की पहली तारीख़ को पैगंबर साहब मोहम्मद (स्व.) ने अपनी इकलौती बेटी फातेमा जहरा सलामुल्ला अलैहा का निकाह खुदा के हुक्म से हजरत इमाम अली इब्न अबू तालिब अलैहिस्सलाम के साथ करवाया थे. इसी महीने की चौदाह तारीख़ को पैगंबर सहाब मोहम्मद (स्व.) ने अपनी उंगली के इशारे से चांद के दो टुकड़े किए थे.
 
और इसी महीने की पंद्रह तारीख को पैगंबर सहाब मोहम्मद (स्व.) के दसवें उत्तराधिकारी हजरत इमाम अली नकी अलैहिस्सालाम का जन्मदिन भी है. और इसी महीने के अट्ठारह तारीख को ईद ए गदीर भी है जिस दिन पैगंबर सहाब मोहम्मद (स्व.) ने खुदा के हुक्म से एक लाख बीस हजार अपने सहाबीयों के समक्ष आखरी हज वापसी के दौरान हजरत इमाम अली इब्न अबू तालिब अलैहिस्सलाम को अपना उत्तराधिकारी (मैं जिस जिस का मौला हूं यह अली (अ.) भी उस उस के मौला हैं कहकर) घोषित किया था. और इसी महीने की चौबीस तारीख़ को ईद ए मुबाहिला भी है. इस दिन उस वक्त के सत्य को झुठलाने वाले नसरानियों (ईसाईयों) ने (पंजेतन पाक याने पैगंबर साहब मोहम्मद (स्व.) उनकी इकलौती बेटी फातेमा जहरा सलामुल्ला अलैहा, उनके दामाद हजरत इमाम अली इब्न अबू तालिब अलैहिस्सलाम और उनके दोनों नवासे इमाम हसन अलैहिस्सलाम और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के मुकाबिल में आकर जंग किए बिना) अपनी हार मान ली थी.
 
यह महीना वैसे कई गमनाक (दुःखदाई) घटनाओं की भी याद दिलाता है क्योंकि इसी महीने की पांच तारीख को पैगंबर सहाब मोहम्मद (स्व.) और इमाम अली इब्न अबू तालिब अलैहिस्सलाम के सहाबी (अनुयाई) हजरत अबूजर गफ्फारी (र.) का शहादत का दिन भी है. और इसी महीने की सात तारीख को पैगंबर साहब मोहम्मद (स्व.) के पांचवें उत्तराधिकारी हजरत इमाम मोहम्मद बाकीर अलैहिस्सालाम के शहादत का भी दिन है. इसी महीने की आठ तारीख को पैगंबर सहाब मोहम्मद (स्व.) के तीसरे उत्तराधिकारी हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सालाम मक्का से करबला के लिए रवाना हुए थे. (इमाम हुसैन अलैहिस्सालाम मक्का से हज करके करबला जाने का इरादा रखते थे लेकिन पाखंडी यजीद लानतुल्लाह के लोग हाजी के भेष में हुसैन अलैहिस्सालाम को शहीद करने के इरादे से मक्का आ पहुंचे थे.
 
काबा की पवित्रता बचाने और पाखंडी यजीद लानतुल्लाह का काफीराना, मुनाफिकाना चेहरा दुनिया के सामने लाने के इरादे से हज के एक दिन पहिले उमरा करके काबा से करबला के लिए रवाना हो गए.) इसी महीने की नौ तारीख को इमाम हुसैन अलैहिस्सालाम के सफीर (दूत) जनाब मुस्लिम इब्न अकील अलैहिस्सालाम और जनाब हनी बिन उरवा अलैहिस्सालाम का शहादत का दिन भी है. इसी महीने की बाईस तारीख को पैगंबर सहाब मोहम्मद (स्व.) और इमाम अली इब्न अबू तालिब अलैहिस्सलाम के सहाबी (अनुयाई) हजरत मीसम ए तम्मार (र.) को शहीद किया गया. और इसी महीने की नौ तारीख को इमाम हुसैन अलैहिस्सालाम के सफीर (दूत) जनाब मुस्लिम इब्न अकील अलैहिस्सालाम के दोनो बेटों (मोहम्मद इब्ने मुस्लिम (अ.) और इब्राहीम इब्ने मुस्लिम (अ.)) का शहादत का दिन है. और इसी महीने की सत्ताइस तारीख को हुर्रा का वाकया (घटना) पेश आया जिसमे पाखंडी यजीद लानतुल्लाह द्वारा मदीना शहर को बर्बाद किया गया.
                                                                                                                                        -डॉ. मोहम्मदशकीताजमोहम्मद
                                                                                                                                                      जाफरी (शकीलमंचरी)                                                                                                                                                         मंचर, पुणे (महाराष्ट्र)                                                                                                                                                    मो. : +91 98679-29589