पावागढ़ जैसी जैन मूर्तियों के अपमान की घटनाएं दोबारा न हों

दोषियों पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग को लेकर जैन समाज ने निकाला मोर्चा

    20-Jun-2024
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भवानी पेठ, 19 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
गुजरात के पावागढ़ में 16 जून को अति प्राचीन जैन मूर्तियों का अपमान किया गया. साथ ही बड़े पैमाने पर जैन संतों और प्राचीन जैन तीर्थों पर अतिक्रमण कर हमले किये जा रहे हैं. शांतिप्रिय जैन समाज को समय-समय पर ऐसे अनेक आघातों का सामना करना पड़ता है. इन सभी घटनाओं का विरोध करते हुए और इस अन्याय को दूर करने की मांग करते हुए सैकड़ों जैन धर्मियों ने बुधवार (19 जून) को एक मोर्चा निकाला और सरकार को एक निवेदन सौंपा. इन आंदोलनकारियों की मुख्य मांग थी कि पावागढ़ के दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की जाये. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों की ओर से अन्य मांगें भी की गई हैं. यह मोर्चा सकल जैन समाज और राष्ट्रीय जैन सेना की ओर से आयोजित किया गया था.
 
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मोर्चा का नेतृत्व क्रांतिकारी जैन आचार्य विरागसागर जी महाराज ने किया. यह मोर्चा भवानी पेठ के पत्रा गली परिसर में शंखेेशर पोर्शनाथ जैन मंदिर से शुरू हुआ और लगभग 11.30 बजे कलेक्टर कार्यालय पहुंचा. वहां सकल जैन समाज एवं संस्थाओं की ओर से सरकार को ज्ञापन दिया गया. तहसीलदार बालासाहब शिरसाट ने निवेदन स्वीकार किया. मोर्चा में महावीर कटारिया, अभय छाजेड़, श्रीमल बेदमुथा, विनोद सोलंकी, निमेश शाह, स्नेहल मेहता, मयूर सरनोत, संदेश बेदमुथा, राजेश सालेचा, सतीश पाटिल, प्रकाश बोरा, प्रीतम ओसवाल, अभिजीत शाह, पंकज मेहता, अक्षय परमार, उमेश ओसवाल, आशीष कटारिया, हृषिकेश शाह, पार्थ वखारिया, प्रकाश बाफना, विपुल बाफना, मितेश जैन, स्मितेश चौहान, प्रीति पाटिल, रसिका राठौड़, श्रुति मेहता, हेमलता भंडारी, सौरभ धोका, उम्मेदमल धोका, संजय मंडलेचा सहित अनेक जैन भाई- बहन, श्रावक-श्राविकाएं एवं संघ के पदाधिकारी, ट्रस्टी, संगठन, युवा मंडल, महिलाएं शामिल हुईं.
 
 
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प्राचीन जैन मंदिरों पर असामाजिक तत्वों का बढ़ रहा अतिक्रमण
 
अचल जैन, संदीप भंडारी, बालासाहब धोका, महेंद्र सुंदेचा ने बताया कि जैन संतों पर हमले हो रहे हैं. प्राचीन जैन तीर्थों पर असामाजिक तत्वों द्वारा समय-समय पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. इन सभी मुद्दों पर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह मोर्चा निकाला गया.